महासमुन्द
नाराज संसदीय सचिव ने लगाई गैरहाजिरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 27 जनवरी। मेडिकल कॉलेज संबद्ध जिला अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ के देरी से पहुंचने की शिकायत के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के संसदीय सचिव व महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर परसों मंगलवार सुबह ओपीडी टाइम पर जिला अस्पताल के आकस्मिक निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस कई चिकित्सक और स्टाफ ओपीडी समय तक अस्पताल में नहीं मिले। इस पर संसदीय सचिव ने नाराजगी जाहिर करते हुए चिकित्सकों और स्टाफ की उपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थिति लगा दी और अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए समय का ख्याल रखने के लिए कहा।
संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ को बताया कि निरीक्षण से पहले लोगों ने कई बार शिकायतें की थीं। लोगों ने बताया था कि सुबह 10 बजे के बाद ही ओपीडी टाइम में चिकित्सकीय सुविधा मिल पाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उपस्थिति पंजीयन में समय पर नहीं पहुंचने वाले बहुत से चिकित्सकों और स्टाफ का पता चला। जिनकी अनुपस्थिति रजिस्टर में मैंने दर्ज की है और आगे के लिए भी सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी है।
निरीक्षण के दौरान संसदीय सचिव ने मरीजों और उनके परिजनों से भी स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में चर्चा की। बताना जरूरी है कि संसदीय सचिव के निरीक्षण से महज 4 दिन पहले ही जिले के नवपदस्थ कलेक्टर निकेशकुमार क्षीरसागर ने जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए अस्पताल में मौजूद सभी सुविधाओं का जायजा लिया और अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा.निर्देश दिए थे।
इसके बाद भी जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ और मंगलवार को संसदीय सचिव के निरीक्षण के दौरान ऐसी कई गलतियां सामने आई।
निरीक्षण की रोज सुबह 9 बजे ही जिला अस्पताल में संसदीय सचिव को देखकर जिला अस्पताल परिसर में हडक़ंप मच गया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने गैरमौजूद चिकित्सकों को फोन कर इसकी सूचना दी। वहीं कई मरीजों ने भी विभिन्न शिकायतों के साथ संसदीय सचिव से मुलाकात की। जिसे उन्होंने पूरे ध्यान से सुना औऱ व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए आगे ऐसी गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं करने के लिए कहा।