गरियाबंद
बिजली कटौती नहीं सुधरी करेंगे आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 30 अप्रैल। क्षेत्र में हो रही लगातार बिजली कटौती से परेशान जनता अपने जनप्रतिनिधि से प्रतिदिन शिकायत कर रहे हैं। जिस पर जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू विभाग के रवैया को देखते हुए उन्होंने क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर आंदोलन की चेतावनी दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अप्रैल में ही मई जैसे गर्मी हो रही है।
वर्तमान में पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गए हैं इस भीषण गर्मी में बिजली सप्लाई की नितांत आवश्यक है। 1 मिनट की बिजली कटौती भी लोगों के लिए भारी पड़ रहे हैं। ऐसे में रात में 1 से 2 घंटे तक नियमित कटौती हो रही है तथा दिन में तो कभी भी बिजली काट दी जा रही है, जिससे ग्रामीण बहुत परेशान हो गए हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत पियाऊ पानी की है। लगभग प्रत्येक गांव में नल जल योजना के तहत नल कलेक्शन दिए गए हैं, इसके अंतर्गत पीने के स्वच्छ जल बिजली कटौती के कारण पहुंच नहीं पा रहे हैं, यहां तक की कटौती इस कदर हो रही है की टंकी को भरना ही मुश्किल हो रहा है। ग्रामीण हलाकान हो गए हैं तथा कटौती के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं।
बताना होगा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरप्लस बिजली के नाम से जाना जाता है। नतीजा एक मिनट की भी बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए।
रोहित साहू ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार करीब 30 प्रतिशत बिजली बेच दी है। शायद उसे पूरा करने के लिए कटौती किया जा रहा है जो छत्तीसगढ़ वासियों के साथ घोर अन्याय है। मुख्यमंत्री के कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई दे रहा है, उन्हें छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ जनता की कोई फिक्र नहीं है। बिजली कटौती को लेकर जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है और सरकार ऐसी की ठंडी हवा खा रहे हैं। अधिकारी दफ्तरों में बैठकर ऑर्डर फरमा रहे हैं। वर्तमान में क्षेत्र में कटौती से जो स्थिति निर्मित हुई है इनसे सब लोग त्रस्त हो गए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि आजकल में स्थिति नहीं सुधरी तो क्षेत्र के जनता के साथ उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होंगे जिनकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।