बस्तर

कारोबारी ने सभी को मारने के बाद फांसी लगाने की सोची, मगर जहर खाकर की खुदकुशी
06-Jun-2022 9:34 PM
कारोबारी ने सभी को मारने के बाद फांसी लगाने की सोची, मगर जहर खाकर की खुदकुशी

कमरे में मिले खून की जगदलपुर लैब में होगी जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 6 जून।
कोड़ेनार थाना क्षेत्र के आरापुर में शनिवार-रविवार की रात को एक बेटे ने अपनी माँ के साथ ही भाई व बहन को मारने के बाद खुद भी आत्महत्या कर ली, लेकिन इस घटना में भाई-बहन जहां बच गए, वहीं आरोपी व उसकी माँ की मौत हो गई, लेकिन इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी ने जहर खाने से पहले किचन में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सोची, पर मन में क्या चला कि आखिर में उसने जहर सेवन कर आत्महत्या कर ली।

मामले से जुड़े कुछ बातें सामने आई, जहाँ बताया गया कि आरोपी सुरेंद्र कच्छ अपने कमरे से निकलकर पहले माँ के रूम गया, जहाँ माँ तो सोई हुई दिखाई दी, पर बहन मौके पर नहीं थी, आरोपी ने बिना समय गवाएं अपनी माँ राधिका को सोने के दौरान ही मौत के घाट उतार दिया, उसके बाद भाई के कमरे पहुँचा, जहाँ भाई कृष्णा के ऊपर भी हमला कर दिया, घटना में भाई की मौत तो नहीं हुई, लेकिन वह बेहोश हो गया। 

दोनों की मौत को समझकर आरोपी जब कमरे में पहुँचा तो उसने बहन को देखकर उस पर भी ताबड़तोड़  हमला कर दिया, बहन भी इस हमले के बाद बेहोश हो गई, जहाँ आरोपी ने घटना के बाद बाथरूम पहुँचा और हाथ के साथ ही कपड़े को बदलने के बाद किचन पहुँचा, जहाँ सामानों को हटाने के बाद एक कुर्सी को वहां पर लगाकर पाईप में फाँसी लगाकर आत्महत्या करने की सोची, पर कुछ देर के बाद मन बदल गया, और घर में रखे जहर का सेवन कर लिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

रात को हुए इस घटना की जानकारी किसी को भी नहीं लगी, सुबह जब बहन सरिता को होश आया तो अपने आप को जिंदा पाया, जिसके बाद उसने किसी तरह से हिम्मत करते हुए बाहर तक आई और लोगों को भाई के करतूत को बताया, जहाँ गाँव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

मामले की जांच कर रहे फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ बी सूरी बाबू से चर्चा पर उन्होंने बताया कि घटना के बाद चल रहे गर्मी के चलते शरीर अकड़ गया था, वहीं दीवारों में खून के धब्बों को देखने से लग रहा था कि लोगों के ऊपर जब अचानक यह हमला हुआ तो उन्होंने अपने आप को बचाने के चक्कर में दीवारों से भी टकराये होंगे, जिससे खून दीवारों में भी था, वहीं किचन में कुर्सी को देखने व मृतक के गले में लपटे गमछा को देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि मृतक गले में उसी गमछे को बांधकर आत्महत्या करने की कोशिश करने वाला था, लेकिन उसे अपने बच जाने की बात लगी, जिसके बाद उसने जहर सेवन कर अपनी लीला ही समाप्त कर ली।

इसके अलावा एक अन्य कमरे में ताला लगा हुआ था, जहां उसे खोलने के बाद अंदर कोई भी घटना को अंजाम देने के लायक कोई भी सबूत नहीं थे, वहीं कमरे में मिले खून के सैम्पल आदि को एकत्रित करने के बाद उसे जगदलपुर लैब में लाया जाएगा, जहाँ एक माह के अंदर उसके रिपोर्ट की भी जानकारी दिया जाएगा।
 फिलहाल प्रथम दृष्टया तो यह पूरा मामला मृतक के द्वारा किया गया है, वहीं बहन सरिता व भाई कृष्णा के होश में आने के बाद और भी कहानी सामने आएगी।
 

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