रायगढ़
राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर और एसडीएम खरसिया को सौंपा
खरसिया, 11 जून। पुरानी बस्ती खरसिया में गोठान निर्माण का कार्य प्रभावित होता नजर आ रहा है, क्योंकि वहां के कुछ किसानों ने प्रस्तावित स्थल पर गोठान निर्माण करने से कृषि कार्य हेतु उपयोग किये जाने वाले मार्ग के अवरुद्ध होने का हवाला देते हुए किसी अन्य स्थल पर गोठान निर्माण की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम का ज्ञापन कलेक्टर और एसडीएम खरसिया को दिया है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत खरसिया के पुरानी बस्ती में नगर सरकार द्वारा गोठान का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है और इसके लिए वहाँ स्थित शासकीय भूमि का चिन्हांकन भी किया जा चुका है परंतु उक्त स्थल के आसपास स्थित कृषि भूमि के स्वामी किसानों ने वहाँ गोठान निर्माण किये जाने से आम रास्ते के बंद हो जाने की बात कहते हुए अब उक्त स्थल पर गोठान निर्माण कराने का विरोध शुरू कर दिया है। इसके लिए किसानों ने पहले मुख्य नगर पालिका अधिकारी खरसिया तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरसिया को अपनी मांग के सम्बंध में आवेदन सौंपा, परन्तु कोई खास कार्रवाई न होता देख अब उन्होंने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के नाम का ज्ञापन कलेक्टर रायगढ़ को सौंपा है।
आवेदन में किसानों ने बताया है कि पुरानी बस्ती खरसिया के हम स्थानीय किसान अपनी कृषि भूमि से सडक़ मद की भूमि खसरा नम्बर 366 जो जनसुविधा हेतु दखलरहित भूमि है, जिसे पिछले वर्षों जन सहयोग से मुरूम पटान किया था, जिसमें किसान पूर्वजों से हल, अब ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, अन्य कृषि कार्य निस्तार एवं आवागमन हेतु उपयोग करते आ रहे हैं जो हमारा एक मात्र रास्ता है जिसे गोठान निर्माण हेतु घेर कर रास्ता को बंद कर दिया गया है। गौठान के लिये पर्याप्त जगह है वहाँ नहीं बनाकर हमारे कृषि भूमि के रास्ते को ब्लाक किया गया है।
गौठान निर्माण के पूर्व स्थानीय नगरपालिका को निवेदन किया गया था। स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के केबिनेट मंत्री उमेश पटेल भी किसानो को पर्याप्त सुविधाजनक टेक्टर, हार्वेस्टर, आवागमन हेतु किसानो को असुविधा न हो इसके लिए नगरपालिका खरसिया को निर्देश दिये थे। किन्तु जल्दबाजी से गौठान के आड़ में भूमाफियो से संलिप्त अपने चहेतों को लाभ दिलाने नगरपालिका खरसिया द्वारा किसानो का रास्ता ही बंद कर दिया गया है, ताकि किसान भय से रोजी रोटी की जमीन को औने पौने दाम में बेचने मजबूर हो जाएं ऐसा षडय़ंत्र रचा जा रहा है। अन्यथा सडक़ मद की भूमि धरसा जो कई किलोमीटर तक है भू अधिग्रहण कर गौठान बनाया जा सकता था। आवेदन करने वाले किसानों ने कहा है कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के धरसा विकास योजना में धरसाभूमि को संरक्षित रखने का कार्यक्रम बना रहे हैं वहीं नगर पालिका खरसिया के अधिकारी उनकी मंशा पर पानी फेरने में लगे हुए हैं।
ज्ञापन सौंपने वाले किसान नरसिंह राठौर, नरेंद्र कुमार, सत्यम कुमार राठौर, अजय राठौर, दीपक राठौर, सम्मेलाल राठौर सहित अन्य लोगों ने कहा है कि वे गोठान बनाये जाने का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि गोठान के आड़ में किसानों के खेत का रास्ता बंद करने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि मानसून आने से पूर्व अगर रास्ता नहीं खोला गया तो उन्हें किसानी कार्य करने में परेशानी होगी और इस स्थिति में वे विरोध करने हेतु मजबूर होंगे। किसानों ने प्रस्तावित स्थल के बजाए किसी अन्य स्थल पर गोठान निर्माण कराए जाने की मांग की है।