महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 जुलाई। किसान सत्याग्रह के 136 वें दिन रविवार को तुमगांव क्षेत्र के प्रभारी नंदकिशोर यादव ने सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुए 16 जुलाई को 16 गांवों के पदाधिकारियों की बैठक होगी और सत्याग्रह को और भी मजबूत किया जाएगा।
मालूम हो कि नेशनल हाईवे में स्थित गांव खैरझिटी, कौंवाझर, मालीडीह के कृषि भूमि, वन भूमि, गरीबों का काबिल कास्त भूमि, आदिवासी भूमि में गैर कानूनी ढंग से करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट लगाने के विरोध में विगत 25 फरवरी 2022 से किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखण्ड सत्याग्रह जारी है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में किसानों का यह सबसे लंबा सत्याग्रह है। इसमें शुरू से अब तक क्षेत्र के किसान हर दिन आंदोलन पर हैं। इनके आंदोलन का आज 137 वां दिन है लेकिन अब तक कोई भी अधिकारी अथवा राजनेता इनके पक्ष में खड़ा नहीं हुआ है।
सत्याग्रह के 136 वें दिन पानी बरसात के बाद भी लगभग 45 किसान, जवान एवं महिलाओं ने इसमें भाग लिया। कल इस अखण्ड सत्याग्रह का नेतृत्व किसान नेता नंदकिशोर यादव, नंदलाल सिन्हा, रमेश विश्वकर्मा, उदयराम चंद्राकर, नाथूराम सिन्हा, खेलावन यादव, बोधन यादव ने किया। सत्याग्रह सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता उदयराम चंद्राकर ने कहा कि भ्रष्ट उद्योगपति एवं उनके दलाल प्रजातंत्र को पैसे के बल पर कितना भी तोड़े-मरोड़े, जीत आखिर जनशक्ति की ही होगी। करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट के मालिकगण चारों तरफ से कानूनी घेरे में आ चुके हैं।
इस अवसर पर नंदलाल सिन्हा ने कहा कि छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बेनर तले गांधीवादी तरीके से अखण्ड सत्याग्रह एवं कानूनी लड़ाई न्यायालयों में चल रहे हैं। इससे भ्रष्ट उद्योगपति एवं उनके दलाल पस्त हो चुके हैं। नंदकिशोर यादव ने सत्याग्रह सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 16 जुलाई को तुमगांव परिक्षेत्र के 16 गांवों के पदाधिकारियों की आयोजित बैठक को सफल बनाना है।
नाथूराम सिन्हा ने कहा कि जब तक आदिवासी भूमि, काबिल कास्त भूमि, वन भूमि, चारागाह भूमि से गैर कानूनी ढंग से प्रस्तावित करणी कृपा पावर प्लांट यहां से हट नहीं जाता, तब तक हमारा गांधीवादी सत्याग्रह जारी रहेगा।
डेजीरानी नेताम ने कहा कि आदिवासी की भूमि, काबिल कास्त भूमि, घास भूमि,वन भूमि में कोई भी उद्योग नहीं लग सकता। महासमुंद के नेता यदि भ्रष्ट उद्योगपति को गैर कानूनी ढंग से उद्योग लगाने में सहयोग करें तो भी उद्योग नहीं लग सकता। बल्कि अगला चुनाव में उनका हारना तय है। कांति बाई साहू ने कहा कि उद्योगपति पैसे के बल पर संरक्षण ले लें लेकिन अंत में जीत किसानों की होगी।