महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 जुलाई। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की अध्यक्षता में कल मंगलवार को कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में समय.सीमा की बैठक आयोजित हुई।
कलेक्टर ने गोठानों में वर्मी और गोबर खऱीद की जानकारी ली व उक्त संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने एकलव्य स्कूल में भी पोषण बाड़ी लगाने पर ज़ोर दिया। इन्होंने कहा कि उद्यानकी और वन विभाग के सहयोग से वृक्षारोपण भी करें। पात्र हितग्राहियों को वेक्सिनेशन और बूस्टर डोज़ लगाने पर बल दिया।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अत्यधिक बारिश होने की वजह से कई जिलों में जन.जीवन प्रभावित हुआ है। कुछ राज्यों के जिलों में बाढ़ की स्थित है। अभी यहां बारिश कम है, लेकिन मौसम विभाग की जानकारी में कभी भी भारी बारिश हो सकती है। इसलिए आपदा अमला पूरी तौर पर मुस्तैद रहें। उन्होंने अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बाढ़़ की वजह से पेजयल स्रोत दूषित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन इलाकों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने बाढ़ के हालात को ध्यान में रखते हुए ऐसे संभावित इलाकों के लिए पेयजल स्रोतों के लोरीनाईजेशन एवं चिकित्सा की व्यवस्था भी समय रहते सुनिश्चित कर ली जाए।
बैठक में कलेक्टर ने नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाड़ी, किसानों को खाद-बीज वितरण, स्कूली बच्चों को नि:शुल्क गणवेश और पाठयपुस्तक वितरण के बारे में पूछा तथा शेष वितरण कार्य को शीघ्र करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने विभिन्न विभागों लोक निर्माण, लोक स्वास्थ यांत्रिकी, क्रेडा, शिक्षा, कृषि, जिला पंचायत, आदिम जाति, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के लंबित प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की बारी-बारी से जानकारी ली। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एसआलोक, डीएफओ पंकज राजपूत, एसडीएम भागवत जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने बरसात के मौसम में होने वाली मौसमी बीमारियों पर भी नजर बनाये रखने के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने कहा। स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ अधिकारी भी सजग रहे। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की जानकारी मिलने पर पर तत्काल स्वास्थ्य सुविधा क्षेत्र में पहुंचायें। साथ ही मौसमी बीमारियों से निपटनेए ग्रामीणों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और दवाईयों का पर्याप्त स्टॉक रखें। वहीं उन्होंने सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूल, आश्रम-छात्रावास परिसर एवं खाली जमीन पर अधिक से अधिक फलदार एवं छायादार पौधे लगाने और उनकी नियमित देखरेख करने कहा।