राजनांदगांव
सोमवार से मंदिरों में उमड़ेगी भक्तों की भीड़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 जुलाई। सावन के शुरू होते ही मंदिरों में शिव भक्तों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों ने पहुंचकर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। इस दौरान मंदिरों में सुबह से ही घंटियों की गंूज और हर-हर महादेव और बोल-बम के जयघोष हुए।
आगामी दिनों सावन के पहले सोमवार से मंदिरों में युवक-युवतियां और महिलाओं समेत सभी वर्ग के लोगों की मंदिरों में भीड़ उमडऩे को लेकर मंदिर समिति और मंदिर ट्रस्ट तैयारियों में जुट गए हैं, वहीं युवा वर्ग भी नदियों से कांवर में जल लेकर शिवलिंग में अर्पित करने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि गुरुवार से सावन मास शुरू होने से शहर समेत जिलेभर में भक्तिभाव का वातावरण शुरू हो गया है। मंदिरों में भक्तों की भीड़ भी उमडऩे लगी है। सावन के महीने को भगवान शिव की आराधना के लिए माना जाता है।
मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से खुशहाली और मनचाही इच्छाएं पूरी होती है। शिवालयों में पहुंचे भक्तों ने बोलबम के जयघोष किए। मंदिरों में युवतियों की भी बड़ी तादाद रही। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर सुबह से घंटों पूजा-अर्चना की। परिजनों के साथ लोगों ने जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान शिव से कामना की।
पिछले कुछ सालों में शिवभक्तों की तादाद में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। युवा वर्ग भी भक्ति के वातावरण में पूजा-अर्चना करने मंदिरों में पहुंचने लगा है। वहीं उम्रदराज लोग मंदिरों के अंदर और बाहर बैठकर भगवान शिव की स्तुति गान करते हैं। सावन मास में घरों में भी धार्मिक आयोजन होंगे। भगवान शिव की अलौकिक गाथाओं से जुड़ी कथाओं का जहां वाचन करेंगे, वहीं पार्वती-शिव की महिमा का भी गान करेंगे। महिलाओं में भी सावन मास के दौरान कठिन व्रत रखने के लिए एक अलग उत्साह दिखाई दे रहा है। इधर शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए विशेष बंदोबस्त किए किए गए हैं।
मंदिर समितियों द्वारा भक्तों से कोरोना प्रोटोकाल और मास्क को अनिवार्य किया गया है। आज से सावन की शुरूआत होने से भक्तों में उत्साह बना हुआ है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना के लिए यह महीना सबसे पवित्र होता है, इसलिए माहभर घरों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थलों में भगवान शिव की स्तुतिगान होती रहती है। सावन महीने को तप और उपवास के लिए भी जाना जाता है।