बस्तर
चांदामेटा कैंप से 5 किमी दूर गाँव में रहती है बच्ची, कुछ दिनों से थी बीमार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 16 जुलाई। डीआरजी के जवान हमेशा से ही हर मोर्चे पर सफलता हासिल की है, जिसका नतीजा है कि नक्सली एक ओर जहां कम हो रहे हंै, वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अब धीरे धीरे जवानों के मित्र बनते जा रहे हैं, वहीं किसी भी काम में जवान पीछे नहीं रहते है, ऐसे ही चांदामेटा गाँव से 5 किमी दूर गाँव में रहने वाली 6 साल की बीमार बच्ची को जवानों ने 12 किमी का सफर तय करते हुए उसे न सिर्फ एम्बुलेंस तक लाया, बल्कि उसे बेहतर उपचार के लिए मेकाज तक भिजवाया गया।
बताया जा रहा है कि चांदामेटा कैम्प से 5 किमी दूर टूंद्रपारा में रहने वाली सुनीता पिता लखमी (6 वर्ष) बेहद गरीब परिवार से है।
गुरुवार को गाँव के सिरहा ने चांदामेटा कैंप आकर बताया कि एक 6 साल की बच्ची बहुत बीमार है, देखने में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि घुटने में भी सूजन आ गया है। उनके पास दवाई के लिए पैसे नहीं है। सूचना मिलने पर डीआरजी की टीम बताये गए गाँव में जाकर बच्ची को देखे तो उसकी हालत बहुत नाज़ुक थी, वह दर्द से कराह रही थी, बहुत रो रही थी।
शुक्रवार को डीआरजी के जवानों के द्वारा 108 एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया गया। रास्ता खराब होने के कारण एम्बुलेंस कोलेंग के आगे नहीं पहुंच पाई। जवानों ने अपना व्यवस्था बनाकर बीमार बच्ची को 12 किमी का सफर तय करते हुए उसे एम्बुलेंस तक पहुंचाया, वहीं बीमार बच्ची के पिता को कुछ रुपए देकर जगदलपुर रवाना किया गया।
डीआरजी के जवानों का कहना था कि बीमार बच्ची को बचाने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया गया है। बच्ची को इलाज की काफी जरूरत है, ऐसे में जवानों ने अपील की है कि अगर कोई भी इस बीमार बच्ची की मदद करना चाहता है तो मरीज के रिश्तेदार मधुराम मोब.नं.-9303682633 डिमरापाल हॉस्पिटल से सम्पर्क कर सकते हैं।