बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 17 जुलाई। कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों में तत्परता और शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों में उत्सुकता होना जरूरी है, इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु कार्य करने की आवश्यकता है। प्राचार्य अपने संस्था के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए प्रेरक की भूमिका में रहें। साथ ही स्कूल-कक्षा में कमजोर बच्चों को चिन्हाकिंत कर शिक्षा के प्रति लगन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता बताई। उक्त बातें कलेक्टर श्री कुमार ने शहर के एमएलबी-02 स्कूल के सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय प्राचार्य की बैठक में कही। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, डीएमसी अखिलेश मिश्रा सहित जिले के सभी हाई स्कूल के प्राचार्य उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री कुमार ने कहा कि एक लक्ष्य लेकर कार्य करने से ही दिशा मिलती है। स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बच्चों को ज्यादा से ज्यादा लिखने-पढऩे और विषय की समझ क्षमता बढ़ाने के लिए संस्था के सभी मानव तथा अन्य संसाधनों का उपयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्राचार्य को प्रतिदिन अपने शिक्षकों के साथ बैठक लेकर दिन में किए कार्यों की समीक्षा कर संस्था में बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने का प्रयास करने की आवश्यकता है।
कलेक्टर ने जिला शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तैयार किए गए कार्ययोजना के संबंध में भी जानकारी दी। जिसमें प्रति माह 9वीं से 12वीं तक के बच्चों का विषयवार परीक्षा लेकर आंकलन कर स्कूल की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार किए जाएगा। साथ ही बच्चों में शिक्षा के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा पैदा करने के लिए विद्यार्थी मेनेजमेंट पर कार्य करने की आवश्यकता बताते हुए परीक्षा में पेपर के प्रारूप, समय प्रबंधन, उत्तर लिखने की कला सिखाने के लिए तैयार कार्ययोजना पर चर्चा की।
इसके अलावा उन्होंने क्लास में बोर्ड वर्क, क्लास वर्क, क्लास नोट, बुकों पर अंडर लाईनिंग करवाने तथा स्कूल में रिडिंग एरिया बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कक्षा में लिए जाने वाले यूनिट टेस्ट या मासिक टेस्ट के रिजल्ट की जानकारी पालकों को भी दें और कमजोर बच्चों के स्तर सुधारने के लिए पालकों का आवश्यक सहयोग लें। कलेक्टर ने अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई के दौरान बच्चों को शब्दों सहित उसके अर्थ को भी बताने और विज्ञान विषय पर पढ़ाने के साथ-साथ प्रायोगिक कार्य भी करवाने कहा, जिससे विषय की समझ आसानी से हो सके।