महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 जुलाई। प्रेस क्लब महासमुंद की आपात बैठक सांस्कृतिक भवन में कल दोपहर हुई। बैठक में जिला प्रशासन की अतिवादी कार्यप्रणाली पर रोष जाहिर करते हुए कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर और जिला जनसंपर्क अधिकारी शशिरत्न पराशर के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
गौरतलब है कि महासमुंद में समानांतर संगठन चला रहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आधा दर्जन लोगों ने प्रेस क्लब भवन में हिस्सेदारी की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने की धमकी जिला प्रशासन को दी है। इससे जिला प्रशासन भयभीत होकर बिना पूर्व सूचना के आनन-फानन में पांच सदस्यीय कमेटी जांच के नाम पर प्रेस क्लब पहुंच गई।
जिला प्रशासन की टीम 20 जुलाई की शाम शिकायतकर्ताओं को साथ लेकर पहुंच थी। जहां कोरे कागज में उपस्थिति पत्रक तैयार किया गया। प्रेस क्लब में उपस्थित पत्रकारों की उपस्थिति पत्रक में हस्ताक्षर लिए गए। बाद में उसमें मनगढं़त पंचनामा तैयार कर 20 जुलाई की रात में प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंदराम पत्रकारश्री को व्हाट्सएप कर 22 जुलाई तक दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध कराने कहा गया।
इस संबंध में प्रेस क्लब का प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिलकर चर्चा करना चाहते थे। 21 जुलाई को दोपहर में मिलने पहुंचे प्रेस क्लब के सदस्यों से कलेक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया। अपर कलेक्टर लिंक कोर्ट में सराईपाली गए हैं, यह जानते हुए भी कलेक्टर ने दफ्तरी के मार्फत संदेश भेज दिया कि अपर कलेक्टर से मिलकर चर्चा कर लें।
पत्रकार कलेक्टर के मीटिंग हाल से निकलने की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन प्रेस क्लब के 20-25 पत्रकारों की अनदेखी करते हुए कलेक्टर सीधे अपने बंगले में चले गए। वरिष्ठ पत्रकार संजय डफले ने वाहन तक जाकर विशेष आग्रह किया, लेकिन कलेक्टर ने बात करने से मना कर दिया। इसे लेकर मीडियाकर्मियों ने खासा रोष है। जिला प्रशासन की इसी कार्यप्रणाली के विरोध में प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंदराम पत्रकारश्री ने प्रेस क्लब में निंदा प्रस्ताव रखा। जिसे ध्वनि मत से सभी पत्रकारों ने पारित किया। इसी प्रकार वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने सदन का ध्यानाकर्षण कराया कि जांच के नाम पर प्रेस क्लब पहुंचे सहायक संचालक जनसंपर्क शशिरत्न पराशर द्वारा वरिष्ठ पत्रकार जसवंत पवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के कारण उनके विरोध में भी निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
यह है पूूरा मामला
प्रेस क्लब महासमुंद की मांग पर सांसद, मुख्यमंत्री, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष निधि से भवन, शौचालय, अहाता, पार्किंग आदि का निर्माण किया गया है। इस पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ लोगों की नजर है। समानांतर संगठन चला रहे ये प्रेस क्लब के लिए निर्मित भवन पर कब्जा करने के ध्येय से जिला प्रशासन पर अनर्गल दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री के आगमन पर कार्यक्रम बहिष्कार की धमकी देकर प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है।