रायगढ़

कलेक्टर के आदेश पर भी जिंदल औद्योगिक पार्क की बिजली नहीं हुई बहाल
25-Jul-2022 6:35 PM
कलेक्टर के आदेश पर भी जिंदल औद्योगिक पार्क की बिजली नहीं हुई बहाल

650 करोड़ का मासिक टर्नओवर हो रहा प्रभावित 

सरकार को भी करीब सवा सौ करोड़ का नुकसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 जुलाई। 
औद्योगिक पार्क पंूजीपथरा में विद्युत आपूर्ति को लेकर जिंदल प्रबंधन के बीच चल रही तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां जिंदल प्रबंधन अपनी ही बात पर अड़ा हुआ है तो दूसरी तरफ इस्पात संघ के लिए यह विवाद करो या मरो की स्थिति में खड़ा हुआ है। 

वर्तमान में जिलाधीश के द्वारा भी जिंदल प्रबंधन को विद्युत आपूर्ति जारी रखने के निर्देश के बावजूद जिंदल ने इण्डस्ट्रीयल पार्क को आपूर्ति शुरू नहीं की है जिसके कारण यहां संचालित 42 उद्योग तालाबंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। इस विवाद के चलते औद्योगिक पार्क में प्रतिमाह करीब 650 करोड़ का टर्न ओवर प्रभावित हो रहा है और सरकार को भी इससे मिलने वाली जीएसटी के रूप में करीब 117 करोड़ का नुकसान हो रहा है। यही नहीं इसके कारण करीब 20 हजार परिवार प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

जिंदल प्रबंधन और इस्पात उद्योग संघ के बीच चल रहे विद्युत कटौती के विवाद के कारण रायगढ़ जिले की आर्थिक गतिविधियां भी काफी हद तक प्रभावित हुई है। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो विद्युत कटौती से पहले इंडस्ट्रीयल पार्क में संचालित उद्योगों का मासिक टर्न ओवर 8 सौ करोड़ का हुआ करता था, जो विद्युत कटौती के बाद वर्तमान में घटकर डेढ सौ करोड़ तक पहुंच गया है। इस तरह करीब 650 करोड़ का मासिक टर्न ओवर प्रभावित हुआ है। इस प्रभावित मासिक टर्न ओवर का 18 प्रतिशत जीएसटी के रूप में सरकार को मिलता है। इस तरह सरकार को भी इस विवाद के चलते प्रतिमाह लगभग 117 करोड़ का नुकसान हो रहा है। 

इस विवाद के चलते औद्योगिक पार्क के उद्योगों में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े 20 हजार परिवार जहां प्रभावित हो रहे हैं, वहीं उद्योगों के द्वारा बैंकों से लिये गए 500 करोड़ का बॅेक कर्ज भी अधर में लटक गया है। यही नहीं इन उद्योगों को संचालित करने के लिये उद्योगपतियों के द्वारा बैंकों से इतर बाहरी रूप से लिये गए करीब 500 रूपये का कर्ज भी चुकता नहीं हो पा रहा है। यहां प्लांट लगाने वाले उद्योगपति नीलामी के दौर से गुजर रहे हैं। जिसके चलते दो हजार करोड़ का पूंजीनिवेश प्रभावित हुआ है। जाहिर सी बात है कि अगर ये उद्योग बंद हुए तो बैंक के द्वारा किये जाने वाले नीलामी प्रक्रिया से भी इतने बड़े पूंजीनिवेश की प्रतिपूर्ति संभव नहीं है।

इस पूरे मामले में दोनों पक्षों के दावों प्रति दावों पर गौर करें तो एक तरफ जहां हाईकोर्ट, विद्युतनियामक आयोग, एप्टल के द्वारा संघ के पक्ष में दिये गए आदेश के बावजूद जिंदल प्रबंधन अपनी ही बात पर अड़ा है तो वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों कलेक्टर के द्वारा ज्वांट मिटिंग में जिंदल प्रबंधन को विद्युत आपूर्ति जारी रखने के निर्देश के बावजूद इंडस्ट्रिीयल पार्क को अब तक विद्युत आपूर्ति सुचारू नहींं की जा सकी है।
 

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