रायगढ़

जंगल में मिली हाथी की सड़ी-गली लाश
02-Aug-2022 5:24 PM
जंगल में मिली हाथी की सड़ी-गली लाश

छाल वन परिक्षेत्र का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 2 अगस्त।
रायगढ़ जिले के वनांचल क्षेत्रों में एक लंबे अर्से से हाथियों का आतंक है। जंगली हाथियों और मानव के बीच द्वंद में कभी इंसान तो कभी जंगली हाथियों की मौतों की खबरें मिलती रही है। इसी क्रम में  एक बार फिर छाल वन परिक्षेत्र में एक व्यस्क हाथी की चार दिन पुरानी सड़ी-गली लाश मिली है।

छाल वन परिक्षेत्र के हाटी सर्किल के कंपार्टमेंट 554 सिंधी गड़ाई में कल एक नर दंतैल की चार दिन पुरानी सड़ी गली लाश मिली है। नर दंतैल की मौत की सूचना मिलते ही धरमजयगढ़ वन मंडल के अधिकारी अभिषेक जोगावत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और फिर विभाग के उच्च अधिकारियों के समक्ष हाथी के शव का डॉक्टरों की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार किया गया। हाथी की मौत किस वजह से हुई, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है।  

विदित रहे कि रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ और छाल वन परिक्षेत्र में साल के बारह महीनों जंगली हाथियों की मौजूदगी रहती है। इन जंगली हाथियों के द्वारा आए दिन जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर ग्रामीणों के घरों व फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाया जाता है।

बीते कुछ महीनों में घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में ही जंगली हाथियों के हमले से अब तक दो की मौत हो चुकी है और यहां भी एक हाथी शावक की लाश मिल चुकी है।
रायगढ़ जिले में लगातार बढ़ते जंगली हाथियों के आतंक से वन विभाग के द्वारा न तो ग्रामीणों को राहत दिलाई जा रही है और न ही हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को उचित संसाधन उपलब्ध कराये जाते हैं। आलम यह है कि कुछ गांव के ग्रामीण अब स्वयं ही आत्मनिर्भर होकर अपने व अपने फसलों की रक्षा हेतु रतजगा करने के लिये लगे हैं। कुछ हाथी प्रभावित गांव ऐसे हैं जहां शाम ढलते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर जाता है। इतना ही नहीं कई बार तो इन जंगली हाथियों के आतंक से बचने के लिये करंट प्रवाहित तार भी खेतों के किनारे लगा देते हैं जिससे जंगली हाथियों की मौत हो जाती है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news