जशपुर

जिला अस्पताल में महिला की मौत, गलत इंजेक्शन का आरोप, हंगामा
04-Aug-2022 7:51 PM
जिला अस्पताल में महिला की मौत, गलत इंजेक्शन का आरोप, हंगामा

  डॉक्टर ने कहा- इंजेक्शन के कारण मौत नहीं, जांच के बाद आएगी रिपोर्ट  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 4 अगस्त।
बुधवार की रात एक 22 वर्षीय महिला की जिला अस्पताल में मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए  मृतका के परिजन मामले की तत्काल जांच करने की मांग करने लगे और जिला अस्पताल का घेराव कर दिया और डॉक्टर पर कार्रवाई व मुआवजे की मांग करने लगे। देर रात तहसीलदार, एसडीएम व एसडीओपी मौके पर पहुंचे और कलेक्टर से परिजनों की बात कराने के बाद मामला शांत हुआ। मृतका का पोस्टमार्टम गुरुवार को कराया गया।

इस संबंध में डाïॅ. डीके अग्रवाल, चिकित्सका अधिकारी जशपुर का कहना है कि पेशेंट को दूसरी महिला डॉक्टर देख रहीं थीं। मैं आपातकालीन ड्यूटी में था। परिजनों के कहने पर महिला वार्ड में भर्ती मरीज को देखने गया और उसकी गंभीर हालत जोकि गैसपिन में जा रही थी, उसे देखते हुए मैंने आपातकालीन के दौरान दिए जाने वाला ड्रग इंजेक्शन उसे दिलाया। इस इंजेक्शन के कारण मौत नहीं हुई है। जांच के पश्चात रिपोर्ट आ जाएगी।

आधे घंटे बाद महिला की मौत
भागलपुर निवासी प्रभा नायक (22) पति अविनाश नायक को बुधवार को सुबह 10 बजे के आसपास जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में बुखार की शिकायत में भर्ती किया गया था। जिसमें मलेरिया-टाइफाइड की जांच रिपोर्ट में नेगेटिव आया। इस दौरान ट्रीटमेंट शुरु हो चुका था। रात्रिकालीन ड्यूटी में पंहुचे डॉ. डीके अग्रवाल के कहने पर नर्स ने इंजेक्शन दे दिया। जिसके बाद महिला की हालत बिगडऩे लगी और घबराहट होने लगी और सांस लेने में उसको दिक्कत होने लगी।

अस्पताल का घेराव और नारेबाजी
महिला की मौत के बाद परिजन आश्चर्य चकित थे। जो महिला बिल्कुल ठीक थी, घर का सारा काम करने के बाद खुद अस्पताल आई थी और एक पल में उसकी मौत कैसे हो गई। परिजनों ने इसकी सूचना अपने अन्य रिश्तेदारों और भागलपुर के स्थानीय निवासियों को दी। जिसके बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जिला अस्पताल पंहुच गए। और डॉक्टर पर कार्यवाई करने व मुआवजे की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।

डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
रात साढ़े 10 बजे के आसपास बड़ी संख्या में लोग जिला अस्पताल पहुंच चुके थे। यहां परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कई बार डॉ. अग्रवाल को महिला के गम्भीर होने की सूचना दी, इसके बावजूद वे महिला के इलाज के लिए नहीं पंहुचे।परिजनों ने कहा कि महिला को कौन सा इंजेक्शन लगाया गया, जो महिला ठीक थी, जिसे बस बुखार की शिकायत थी, उसकी अचानक कैसे मौत हो गई। हालांकि डॉ. अग्रवाल ने महिला की  चिकित्सा के बाद तत्काल उसे आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए लिखा था। वहां उपस्थित नर्सों के द्वारा महिला को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया।

4 घंटे तक प्रदर्शन
मामले में लगभग 4 घंटे तक परिजन मुआवजे के साथ जांच-कार्रवाई की मांग को लेकर जिला अस्पताल के सामने धरने पर डटे रहे। जिसके बाद जशपुर तहसीलदार विकास जिंदल, एसडीएम व एसडीओपी राजेन्द्र सिंह परिहार ने आकर परिजनों को समझाईश दी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजन इनकी बात मानने को तैयार नहीं थे। परिजन तत्काल जांच की मांग कर रहे थे।

कलेक्टर ने दिया आश्वासन
कलेक्टर के आश्वासन के बाद परिजन शांत हुए। परिजनों ने तहसीलदार व एसडीएम से कहा कि कलेक्टर से वे बात कराएं, जिस पर स्थानीय प्रशासन ने जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल से फोन पर परिजनों की बात कराई। कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने परिजनों को जांच व कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, जिसके बाद धरना समाप्त किया गया।

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