गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 20 अगस्त। नगर सहित अंचल में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। भगवान श्री राजीवलोचन, श्रीराधाकृष्ण, श्रीसत्यनारायण सहित अनेकों देवालयों में भगवान श्रीकृष्ण के श्री विग्रहों को बड़े मनोहारी ढंग से सजाया गया था।
पुष्टि मार्गीय श्री गोवर्धननाथ जी की हवेली में एवं महाप्रभूजी की प्राकट्य स्थली चंपारण धाम में भी ठाकुरजी का अभिषेक पूजन विधि विधान से हुआ। हर्ष और उल्लास के इस उत्सव को लोगों ने अपने घरों में लड्डू गोपाल का श्रृंगार करके एवं अपने घर के नन्हे मुन्ने बच्चों को बाल कृष्ण के रूप में सजाकर मनाया।
उनकी झांकियां निकाली गई, अद्र्ध रात्रि 12 बजते ही मन्दिरों में घंटे घडिय़ाल, झालर, शंख बजने लगे और फिर भगवान को माखन मिश्री, पंजीरी का भोग लगाकर उनकी आरती उतारी गई और भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया। पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा की श्री कृष्ण का प्राकट्य तो हर युग में होता है। संभवामी युगे यूगे कभी वो रक्त वर्ण में, तो कभी पीत वर्ण में, तो कभी श्वेत वर्ण में अवतार लेते हैं। भगवान का नामकरण संस्कार गोकुल में नन्द बाबा की गौशाला में गर्गाचार्य जी ने बताया कि इस बार यह कृष्ण वर्ण में हुआ है। इसलिए यह कृष्ण कहलाएगा।