सूरजपुर
कम्पनी के प्रस्ताव से प्रभावित हुए संतुष्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भैयाथान, 9 नवंबर। भास्करपारा में प्रस्तावित कोल खदान के लिए बुधवार को केवरा में आम जनसुनवाई का आयोजन किया गया, जहां भारी गहमा गहमी के बीच पर्यावरण को जनसुनवाई बगैर किसी बाधा के सम्पन्न हो गई। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। हालांकि इस बीच कुछ लोगों ने विरोध किया लेकिन कंपनी ने जो प्रस्ताव रखा, उस पर प्रभावित लोगों ने संतुष्टि व्यक्त की।
जनसुनवाई के पहले दौर में कम्पनी की ओर से बताया गया कि प्रकाश इंडस्ट्रीज को एमएल क्षेत्र 932.00 हेक्टेयर क्षेत्र का है, खुली खदान और भूमिगत खदान विधियों के संयोजन के माध्यम से लगभग 1.0 एमटीपीए क्रह्ररू कोयले का उत्पादन करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित खनन क्षेत्र में से 552 296 हेक्टेयर क्षेत्र में खुली खदान के रूप में खनन किया जाएगा और शेष 379 704 हेक्टेयर क्षेत्र भूमिगत खनन के लिये होगा।खनन अवधि के दौरान एवं उपरांत खनन की गई भूमि पर सघन वृक्षारोपण अनुमोदित खनन योजना के अनुसार किया जाएगा। संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि खदान बंद करते समय योजना में निहित सुरक्षात्मक उपाय जिसमें सुधार और पुनर्वास कार्य शामिल है, को अनुमोदित खदान बंद करने की योजना के अनुरूप किया जायेगा एवं उत्खनित भूमि को वैज्ञानिक तरीके और बेहतर प्रबंधन तकनीक का उपयोग करके पुन: हरियाली में बदला जाएगा।
उपस्थित प्रभावित ग्राम के लोगों से सुझाव लिए गए जिसमें लोगो ने खुल कर अपनी बातें रखी जिससे स्वास्थ्य शिक्षा, पेजयल जैसी बुनियादी जरूरतें शामिल थी।।कुछ लोगो ने तो इस दौरान माइंस खुलने को लेकर इसे क्षेत्र के लिए विकास के लिए मिल का पत्थर तक बताया। कहा, माइंस खुलने से एक व्यक्ति का नही बल्कि पूरे आस पास के क्षेत्र का विकास होगा। पर्यावरण का ध्यान देना आवश्यक है।जिसे ध्यान में रखते हुए जनता आपके साथ है। जल संवर्धन पर विशेष ध्यान दे व सूखे क्षेत्र में पानी इक_ा करने के लिए तालाब का निर्माण करने का सुझाव भी इस दौरान दिया गया। जिस पर कंपनी ने गम्भीरता से पूरा करने का भरोसा दिया है।
विरोध करने वालों को ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की दो टूक
जन सुनवाई के दौरान बड़सरा क्षेत्र जे जनपद सदस्य सुनील साहू के साथ कुछ लोग कोल माइंस का विरोध करने लगे, जिस पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रावेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विरोध करने वाले लोग केवल विरोध ही नहीं बल्कि सकारात्मक चर्चा भी करें, जिससे उस समस्या का समाधान किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विरोध करने वालो को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा ने कोयला है।जिससे कोयले की चोरी भी होती है ओर कोयला चोरी के दौरान एक दो मौते भी हुई थी। कोयला उत्खनन अगर नही किया गया तो बिजली संकट भी गहराने का खतरा है। इस दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने भी अपने विचार रखे।
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस सचिव अखिलेश प्रताप सिंह,पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता,राजू प्रताप सिंह,संतोष सारथी,शीतल गुप्ता,नीरज सिंह,आशीष सिंह,कंपनी के निदेशक एके चतुर्वेदी,एसडीएम सागर सिंह,पर्यावरण विभाग से प्रकाश रबड़े,महेश थापड़,एन के शर्मा,डी पात्रा, विजय यादव,महेश दास, पीके सिंह,अजित झा,तहसीलदार ओपी सिंह, एडिशनल एसपी मधुलिका सिंह ,एसडीओपी राजेश जोशी,थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह सहित काफी ग्रामीण उपस्थित थे।
सामाजिक आर्थिक विकास में होगा सुधार- चतुर्वेदी
कोल परियोजना के डायरेक्टर ए के चतुर्वेदी ने बताया कि प्रस्तावित खदान के परिणामस्वरूप क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के साथ-साथ समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार होगा। कोयला खदान की प्रस्तावित परियोजना से आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभ होगा। क्षेत्र की बड़ी संख्या में आबादी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी आजीविका कमाने वाले कार्यों में नियोजित किया जायेगा। यह परियोजना अप्रत्यक्ष आय सृजन के अवसरों के संदर्भ में उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान को भी बढ़ायेगी। संस्थान के द्वारा सीएसआर की गतिविधिया खनन अवधि में आवश्यकता अनुसार निरंतर जारी रहेगी।
प्रस्तावित खुली खदान और भूमिगत कोयला खदान से पडऩे वाले पर्यावरणीय प्रभाव हेतु ईआईएईएसपी रिपोर्ट में दिये गये पर्यावरण प्रबंधन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन और भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा अनुशंसित सुझावों को दृढ़तापूर्वक अमल में लाते हुये पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा।
प्रस्तावित परियोजना के विकास से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि, स्थानीय लोगों के सामाजिक उत्थान, राजस्व में वृद्धि और क्षेत्र में औद्योगिक विकास की गति में तेजी के संदर्भ में लाभकारी प्रभाव पड़ेगा एवं बड़ी संख्या में स्थानीय व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह परियोजना क्षेत्र में सहायक उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे न केवल रोजगार की संभावना बढ़ेगी बल्कि क्षेत्र का आर्थिक आधार भी मजबूत होगा। इस प्रकार परियोजना के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष लाभ को देखते हुये प्रस्तावित परियोजना आस-पास के क्षेत्रों के साथ-साथ राष्ट्रहित के लिए भी बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगी।