गरियाबंद

प्रदूषण: महानदी का अस्तित्व खतरे में!
11-Dec-2022 7:13 PM
प्रदूषण: महानदी का अस्तित्व खतरे में!

लीलाराम साहू

नवापारा राजिम, 11 दिसम्बर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज, प्रमुख तीर्थ स्थल, जीवनदायिनी त्रिवेणी संगम महानदी इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है।

नवापारा एवं राजिम शहर के दोनों पाटों से लगा बहता हुआ यह पवित्र महानदी में गंदगी एवं घास-फूस, मलबा से भरा पड़ा है जिसकी सफाई अत्यंत जरूरी हो गया है। गंदगी के कारण नदी का पानी भी प्रदूषित हो रहा है, जिसके सेवन से आम लोगों में सर्दी-खांसी, दाद- खुजली एवं चर्म रोग की शिकायतें सामने आ रही है। यहां के जनप्रतिनिधियों ने एक बार नहीं अनेकों बार विभागीय अधिकारी एवं सरकार के मंत्री-विधायकों को इस समस्या के बारे में ध्यान-आकर्षित कराते हुए नदी की सफाई कराने की मांग कर चुके हैं।

यहां हर साल मांघी पुन्नी से लेकर महाशिवरात्रि तक 15 दिवसीय भव्य मेला का आयोजन होता है। मेले के दौरान सरकार लोगों की सुविधा के लिए लाखों रुपया खर्च करती है, लेकिन नदी की सफाई नहीं होती।

उक्त मेला में प्रदेश ही नहीं देश-विदेश से भी पर्यटक आते हैं प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री,राज्यपाल के अलावा सरकार के सभी मंत्रीगण, विधायकों सहित प्रदेश स्तर के सामाजिक एवं राजनीतिक लोगों कीआमद रहती है, परंतु किसी ने महानदी में फैली गंदगी, गाद-मलबा की सफाई के लिए पहल नहीं किए।

 पिछले दिनों भेंट मुलाकात कार्यक्रम में राजिम पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी नदी में व्याप्त गंदगी,गाद-मलबा की सफाई के लिए पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों द्वारा बात रखी गई जिस पर सीएम ने विशेष ध्यान देते हुए महानदी की सफाई के लिए हामी भरी थी और तत्काल अधिकारियों को निर्देश भी दिए, परंतु आज तक किसी प्रकार के नदी की सफाई जैसे कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। बहरहाल आगामी फरवरी माह में यहां भव्य राजिम मांघी पुन्नी मेला का आयोजन होगा। अब देखना होगा कि नदी की सफाई कब तक होती है...?

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