गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 30 दिसंबर। संसार में हर इंसान मानो खुद के लिए जी रहा है। लोगों ने पड़ोसी से नाता रखना ही बंद कर दिया है, लेकिन ध्यान रहे यह सनातन धर्म की संस्कृति नहीं है। सनातन धर्म में कहा गया है कि जो इंसान दूसरों के दुख देखकर दुखी होता है वही मनुष्य है। दूसरों को दुखी देखकर खुश होने वाला तो दैत्य के समान होता है इसलिए हमें हमेशा बुरे वक्त मैं दूसरों की मदद करनी चाहिए।
उक्त बातें इंदिरा मार्केट संतोषी मंदिर के समीप में शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन भक्तों को संबोधित करते हुए कथावाचक पंडित उमेंद्र गिरी गोस्वामी महाराज ने कही।
मोहल्ले वासियों के तत्वावधान में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है। कथा में उन्होंने आगे कहा कि खुद के लिए दानव जीते हैं इंसान तो वह है जो दूसरों को दुखी देखकर खुद भी दुखी हो। उन्होंने कहा कि संसार में परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है इसलिए जब भी अवसर मिले तो परोपकार करने से पीछे नहीं रहना चाहिए। कथा के बाद संध्या काल में आरती की गई। कथा वाचक हुमेन्द्र गिरी गोस्वामी के श्रीमुख से इंदिरा मार्केट में चल रहे शिवमहापुराण कथा की गंगा बह रही हैं, जिसका समस्त मोहल्लेवासियों के द्वारा धार्मिक कथा का धर्म लाभ लिया जा रहा है।