सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर,19 जनवरी। दोनों आंखों से दिव्यांग जोड़े का घर जनसहयोग से बन रहा है,यह जोड़ा प्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खजुरी में रहता है। गरीबी में जीवन जी रहे इनके पास खुद का घर नहीं है और एक जर्जर कच्चे घर में रहते हैं। स्थानीय एक समाजसेवी की पहल पर लोगों से चंदा इक_ा कर उनके लिए घर का निर्माण किया जा रहा है।
जानकारी देते हुए समाजसेवी राकेश मित्तल ने बताया कि श्यामसाय पैंकरा जन्म से देख नहीं पाता है, उसकी शादी दो साल पहले पत्थलगांव की निरपति विश्वकर्मा से हुई थी, वह भी दोनों आंखों से नहीं देख पाती है। इनके पास खुद का घर नहीं है और आने एक रिश्तेदार के एक कमरे के जर्जर कच्चे मकान में रहते हैं। श्यामसाय गरीब है और उसकी स्थिति नहीं है कि वह अपना घर बना पाए।
राकेश मित्तल ने बताया कि उसकी स्थिति देख उन्होंने जनसहयोग से उसका घर बनाने की पहल की और लोगों से पहले इस बारे में चर्चा की।इसके बाद लोग सामने आने लगे और दिव्यांग जोड़े के खुद के घर का निर्माण शुरू हो गया।उन्होंने बताया कि उसका घर बनाने लोग खुलकर सहयोग कर रहे हैं,कोई नगद राशि तो कोई सीमेंट व अन्य सामग्री दे रहा है।
उन्होंने बताया कि श्यामसाय के पास यहां खुद की जमीन भी नहीं है,पहले सरकारी जमीन में घर बनाने के प्रयास हुए लेकिन जमीन नहीं मिली तो उसके ननिहाल पक्ष ने अपनी जमीन दी जिसमें उनका घर बन रह है। श्यामसाय और निरपति आंखों से देख नहीं पाते हैं लेकिन घर बनने की खुशी उन्हें हैं और मन की आंखों से देख पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास के लिए नहीं हैं पात्र
श्यामसाय पहले अपनी मां के साथ रहता था और मां के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो चुका है। वर्ष 2011 की जनगणना में उसका नाम अलग से नहीं था, इसलिए उसे नए आवास के लिए पात्र नहीं माना गया जिस कारण उसका प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हो सका। राकेश मित्तल ने बताया कि उन्होंने उसे आवास दिलाने विभिन्न स्तर पर मांग भी की, लेकिन पात्रता नहीं होने के कारण उसे लाभ नहीं मिल सका।