बस्तर

महरा माहरा जाति को मिलेगा उसका हक-बैज
07-Feb-2023 4:55 PM
महरा माहरा जाति को मिलेगा उसका हक-बैज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 7 फरवरी।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बस्तर सांसद दीपक बैज को उनके पत्र के संदर्भ में पत्र लिखा है। जिसमें उनके द्वारा महरा माहरा जाति को छत्तीसगढ़ राज्य की अनुसूचित जातियों की सूची में महार मेहरा मेहर की पर्यायवाची के रूप में शामिल करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में सांसद दीपक बैज को अवगत कराया है कि अनुसूचित जातियों की सूचियों में संशोधन करने के लिए भारत सरकार ने प्रक्रिया निर्धारित की है। जिनके अनुसार किसी जाति आदि को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव सर्वप्रथम संबंधित राज्य सरकार संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन से आवश्यक जातीय सामग्री सहित प्रस्तावित होना आवश्यक है। जिसे भारत के महा रजिस्ट्रार एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के परामर्श से प्रसंस्कृत किया जाता है।  सांसद दीपक बैज को लिखे पत्र में बताया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महरा माहरा समुदाय को छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जातियों की सूची में महार, मेहरा, मेहर की पर्यायवाची के रूप में शामिल करने की अनुशंसा अपने पत्र  7 दिसम्बर 2021 दिनांक 23 दिसम्बर 2021 दिनांक 10 जनवरी  2022 और दिनांक 28 जनवरी  2022 के पत्रों द्वारा की। निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार उक्त प्रस्ताव का भारत के महा रजिस्ट्रार एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के परामर्श से परीक्षण किया गया।
जिन्होंने प्रस्ताव पर सहमति जताई है। अब उक्त प्रस्ताव को भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 (2) के तहत संसद के समक्ष विचारार्थ और पारित करने के लिए एक विधेयक के रूप में प्रस्तुत करने हेतु यथा समय प्रसंस्कृत किया जाना है।

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