राजनांदगांव

सुरक्षाबलों को फांसने तैयार बैठे थे नक्सली
22-Feb-2023 1:06 PM
 सुरक्षाबलों को फांसने तैयार बैठे थे नक्सली

बोरतलाव नक्सल हमले में प्लाटून नंबर एक का हथियार बंद दस्ता मौके पर था तैयार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 फरवरी।
बोरतलाव के मोबाइल चेकिंग पाईंट में हुए नक्सल हमले में खुफिया एजेंसियों को अब कई चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही है। गुप्त एजेंसियों के पास नक्सलियों के बड़े हमले करने की तैयारी को लेकर अहम सुराग मिले हैं। बोरतलाव और चांद-सूरज इलाके में नक्सलियों की आवाजाही को हल्के में लेना भी पुलिस के लिए भारी पड़ा। वारदात की अंदरूनी जांच में राज्य सरकार की एजेंसियों को  नक्सलियों की ओर से सुरक्षा बलों को निशाना बनाने को लेकर ठोस सुराग मिले हैं।

सूत्रों का कहना है कि हमले को जीआरबी डिवीजन की प्लाटून नंबर एक के हथियार बंद नक्सलियों ने अंजाम दिया है। हमले के लिए नक्सलियों ने एक व्यापक रणनीति भी बनाई थी। जिसके चलते  नक्सल हमले को अंजाम देने वाले नक्सल सदस्यों को  सुरक्षा देने के लिए प्लाटून नंबर 01 की पूरी टीम घटनास्थल के इर्द-गिर्द मौजूद थी। बताया जा रहा है कि प्लाटून की ओर से जवानों की अतिरिक्त फोर्स आने पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने की तैयारी थी। यानी नक्सलियों ने जवानों पर हमला करने वाले अपने साथियों को सुरक्षा देने के साथ जवानों को फांसने की रणनीति बनाई थी।

बताया जा रहा है कि प्लाटून नंबर एक ने पूरे हमले को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। बोरतलाव और चांद-सूरज गांव के बीच नक्सलियों के इस तरह के घातक हमले का अनुमान  नहीं था। बोरतलाव का एक बड़ा हिस्सा घनघोर जंगल से घिरा हुआ है। नक्सलियों की दर्रेकसा दलम के अलावा प्लाटून नं. 01 का मूवमेंट रहा है। पिछले कुछ महीनों से पुलिस का सूचनातंत्र इलाके में कमजोर हो गया। इसके पीछे राजनांदगांव जिले का विभाजन और अफसरों की सिलसिलेवार तबादले के होना भी एक वजह है। सूत्रों का कहना है कि मौके पर हथियार से लैस प्लाटून नंबर 01 के नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को घेरने की दिशा में भी मोर्चाबंदी की थी। जवानों की हत्या से पूरा इलाका दहल गया है। नक्सलियों ने टीसीओसी में सीधे हमला करने की रणनीति के तहत ही फोर्स को नुकसान पहुंचाया है।

बताया जा रहा है कि बोरतलाव दो राज्यों के सरहद से सटा हुआ है। एक ओर गोंदिया और दूसरी ओर बालाघाट जिले का सरहद जुड़ा हुआ है। इस त्रिकोणीय स्थल में नक्सली अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए सक्रिय रहे हैं। इस घटना के तथ्यों को खंगालने के लिए अब भले ही पुलिस की ओर से जांच बढ़ाई गई है, लेकिन शहीद जवानों के बिना हथियार नक्सल क्षेत्र में जाने की असल वजह को लेकर अब भी रहस्य बना हुआ है। बहरहाल नक्सली बड़े हमले के फिराक में मौके पर तैयार बैठे थे। नक्सलियों की मौजूदगी को लेकर पुलिस अंदरूनी तौर पर जानकारी जुटा रही है।
 

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