कोण्डागांव

हर्बल गुलाल से महिला समूह दे रही सुरक्षित होली का संदेश
03-Mar-2023 9:35 PM
हर्बल गुलाल से महिला समूह दे रही सुरक्षित होली का संदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 3 मार्च। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी कृषि विज्ञान केंद्र व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के संयुक्त प्रयास से सांसद आदर्श ग्राम झाटीबन के ग्राम आलोर के मां शीतला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का रिफ्रेशर प्रशिक्षण पुन: देकर हर्बल गुलाल का उत्पादन किया गया है। इस गुलाल के प्रति लोगों में उत्साह देखने को बनता है। इस गुलाल का विक्रय समूह द्वारा कलेक्टोरेट परिसर और वार्षिक मेले के दौरान विकास नगर स्टेडियम किया जा रहा है। इसके साथ ही होली के दो दिन पूर्व घड़ी चौक बस स्टैण्ड के निकट कनेरा रोड में किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि मां शीतला स्व-सहायता समूह द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र कोण्डागांव के तकनीकी मार्गदर्शन में वर्ष 2021 से हर्बल गुलाल का उत्पादन किया जा रहा है। प्रथम वर्ष 3 क्विंटल हर्बल गुलाल का उत्पादन किया गया है। जिससे समूह को लगभग 31 हजार रुपये का शुद्ध लाभ तथा वर्ष 2022 में 4  क्विंटल हर्बल गुलाल का उत्पादन किया गया जिससे 40 हजार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ था। इस सफलता के लिए तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अपने करकमलों से जनवरी 2022 में रायपुर में हुए आयोजन में इन्हें सम्मानित किया था।
 
इस वर्ष लगभग 5 क्विंटल  हर्बल गुलाल का उत्पादन किया जा रहा है जिससे संभवत 50 से 52 हजार रुपये तक का शुद्ध लाभ प्राप्त होने का अनुमान है। इस दौरान जिला कार्यालय में दो दिवसीय स्टॉल में कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने हर्बल गुलाल की खरीदी की, जिससे समूह को 10 हजार रुपये तक की आय हो चुकी है।

समूह की महिलाओं द्वारा गुलाल बनाने हेतु वर्ष भर वनों में जाकर प्राकृतिक रंजक जैसे पलास, धवई, सिंदूर, मेहँदी, पत्तियां तथा बाजार से चुकंदर, लाल भाजी, पालक, हल्दी एवं गुलाबजल आदि का संग्रहण कर होली के एक माह पूर्व से हर्बल गुलाल उत्पादन करना प्रारम्भ कर दिया जाता हैं। 

मास्टर ट्रेनर एवं वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ हितेश मिश्रा ने ‘‘मेरी होली सुरक्षित होली’’ का नारा देते हुए बताया कि समूह की महिलायें पूर्ण रूप से जैविक तत्वों से बने हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रही हंै, जो पूरी तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है। बाजार में खतरनाक रसायनों से बना गुलाल जिससे त्वचा में एलर्जी, आंखों में इंफेक्शन, दमा, अस्थमा, खुजली,सिरदर्द जैसे कई प्रकार की समस्याएं होने की संभावना होती है। जबकि हर्बल गुलाल से त्वचा को शीतलता प्राप्त होती है और इससे किसी प्रकार का साइड इफैक्ट भी नहीं होता है। हर्बल गुलाल की बाजार में बढ़ती हुई मांग को देखते हुए इस बार भी बड़ी मात्रा में गुलाल तैयार किया गया है। जिससे समूह की महिलाओं को इस बार अधिक आमदनी प्राप्त होगी साथ ही रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही लोगों को रसायनमुक्त स्वास्थ्य रक्षक गुलाल भी प्राप्त होगा। 

उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि खतरनाक जहरीले रसायनों की होली खेलना छोडक़र लोगों को सेहतमंद हर्बल होली खेलकर समूह की महिलाओं को सबल बनाने में अपना योगदान दे।

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