कोण्डागांव

जनप्रतिनिधियों-अफसरों ने नहीं ली सुध, श्रमदान कर सडक़ बनाने में जुटे ग्रामीण
04-Mar-2023 7:56 PM
जनप्रतिनिधियों-अफसरों ने नहीं ली सुध, श्रमदान कर सडक़ बनाने में जुटे ग्रामीण

   कोंडागांव-कांकेर जिले को जोड़ेगा   

प्रकाश नाग
केशकाल, 4 मार्च (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।
कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कोहकामेटा के आश्रित ग्राम नलाझर के ग्रामीण अपने गांव में सडक़ निर्माण करवाने के लिए दशकों से गुहार लगाते आ रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों व शासन-प्रशासन ने अब तक सुध नहीं ली। थक हार कर ग्रामीणों ने अब श्रमदान कर सडक़ बनाने का निर्णय लिया है ।

लकड़ी का पुल बनाकर करते थे आवागमन
 कोहकामेटा अंतर्गत आश्रित ग्राम नालझर जो कि मुख्य मार्ग से लगभग 12 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच में बसा हुआ है। इस गांव 46 परिवार के 300 से अधिक लोग निवासरत हैं। 

ग्रामीणों को कांकेर जाने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है और यह लोग लकड़ी का पुल बनाकर दूसरे गांव पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बरसात के समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मार्ग को बनाने के लिए कांकेर विधायक व केशकाल विधायक समेत जिले के अधिकारियों को पत्रचार भी किया गया है, लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली है।

कोंडागांव और कांकेर जिला को जोडऩे वाला है यह मार्ग
ग्रामीणों का कहना है कि वन धन समिति की राशि व जनसहयोग से काम चलाऊ सडक़ बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। यदि यह सडक़ बन जाता है तो कांकेर जिला पहुंचने में काफी आसानी होगा। महज 3 किलोमीटर सडक़ जंगल व जर्जर होने के कारण काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि यदि केशकाल की तरफ से कांकेर जाते हैं तो लगभग 45 से 50 किलोमीटर दूरी तय करना पड़ेगा, वहीं महज 3 किलोमीटर सडक़ बन जाती है तो कांकेर पहुंचने में सिर्फ 25 से 30 किलोमीटर दूरी तय करना पड़ेगा।

नालझर के निवासी मुन्नालाल शोरी व भगवान सिंह शोरी ने बताया कि कोंडागांव जिला और कांकेर जिला के मध्य ग्राम नगर स्थित है, यह गांव दशकों से बसा हुआ है, जिसे वनग्राम से राजस्व ग्राम में परिवर्तन किया गया है। अब नलाझर को कांकेर जिला के आमापानी, रावस ग्राम होते हुए कांकेर से जोडऩे वाली इस सडक़ मार्ग निर्माण के लिए 2008 व 2012 में जनपद से राशि स्वीकृत भी हुई थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण नक्शा नहीं मिल पाया। जिसके बाद हमने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से पत्राचार भी किया है, लेकिन अब तक हमारी मांग पूरी नहीं हुई। इसलिए अब हम सभी ग्रामीण खुद ही सडक़ बनाने के काम में लग गए हैं । अगर ये सडक़ बनती है तो आधा घण्टा में सीधे कांकेर पहुंचा जा सकता है। 

वन विभाग देगा सडक़ निर्माण की अनुमति- सीईओ 
इस संबंध में जनपद पंचायत सीईओ के.एल फाफा का कहना है कि ग्रामीणों के द्वारा उक्त सडक़ के निर्माण हेतु पंचायत में आवेदन दिया गया था। यह मार्ग कोंडागांव जिले से कांकेर जिले को जोड़ता है। चूंकि यह मार्ग वन विभाग के अंतर्गत आता है, ऐसे में पंचायत द्वारा प्रस्ताव बनाकर वन विभाग को भेजा गया है। वह विभाग से स्वीकृति मिलने के पश्चात सडक़ निर्माण हेतु कार्रवाई की जाएगी।

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