कोण्डागांव

स्कूली बच्चों एवं युवाओं को नशामुक्ति के लिए कर रहे हैं प्रोत्साहित
04-Mar-2023 8:59 PM
स्कूली बच्चों एवं युवाओं को नशामुक्ति के लिए कर रहे हैं प्रोत्साहित

  कोण्डानार चैंप्स के सहयोग से नशामुक्त बचपन अभियान संचालित  

नशामुक्ति पर कोण्डानार चैंप्स स्वयंसेवकों की सार्थक पहल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 4 मार्च।
कलेक्टर  दीपक सोनी के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा यूनिसेफ एवं युवोदय कोण्डानार चैंप्स के संयुक्त तत्वावधान में नशामुक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत विकासखण्ड कोण्डागांव, माकड़ी, फरसगांव,बड़ेराजपुर एवं केशकाल के प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में नशामुक्त बचपन अभियान संचालित किया  जा रहा है ।

आम तौर पर देखा गया है आजकल हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी तरह से नशे से जूझ रहा है। नशे से उभरकर मुक्त होना बहुत जरुरी है। जब आप आज के बच्चों व युवाओं को देखेंगे तो तरह-तरह के नशा जैसे व्हाइटनर का उपयोग, सिगरेट, बीड़ी, गांजा,मदिरा सहित शहरी व ग्रामीण स्तर पर मिलने वाले मादक पेय आदि का शिकार हो रहे हैं। वयस्क अवस्था में भी इसके दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं जैसे शराब पीने के बाद भी कई पुरुष घर-परिवार के सदस्यों से बहस करते हैं। इस दुव्र्यवहार के परिणामस्वरूप घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। जिसके कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।

 वहीं अगर युवा वर्ग में देखें तो नशे के लत व बुरी आदतों के कारण अपनी दैनिक दिनचर्चा अच्छे से नहीं कर पाते हैं जिससे युवा रोजगार हेतु अपने  काम में ध्यान नहीं दे रहे हैं और वे अपने परिवार को सही दिशा नहीं दे पा रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति ने अपने जीवन में किसी न किसी वक्त पर नशे के सेवन के परिणामस्वरूप किसी न किसी रूप में हिंसा या दुर्व्यवहार का अनुभव किया है और इस समस्या के इलाज के लिए नशे से मुक्ति के लिए नशा से होने वाले दुष्परिणाम तथा होने वाले घातक बीमारी और जीवन में आने वाली असफलता पर बात करने अथवा इस विषय पर गहन चर्चा-संवाद कर लोगों में व्यवहार परिवर्तन करने की आवश्यकता है।

इसी उद्देश्य से जिले के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के बच्चों में बुरी आदतों को छोडक़र अच्छी आदत अपनाने के लिए कार्यशाला के माध्यम से युवोदय कोण्डानार चैंप्स स्वयंसेवकों के विशेष सहयोग से नशामुक्त बचपन अभियान चलाया जा रहा है । कार्यशाला के दौरान बच्चे नशा से जुड़े प्रश्न कर सकें और उसका निदान कैसे करें इन विषयों पर स्वयंसेवकों के द्वारा बच्चों के साथ गहन चर्चा  करने सहित उनके शंकाओं का समाधान किया जा रहा है।
 
इस दिशा में जिले के अंतर्गत अब तक कुल 120 स्कूलों में उक्त कार्यशाला आयोजित किया गया है जिसमें लगभग 3 हजार बच्चों को नशा से बचाव सम्बन्धी संदेशपरक जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया गया है । साथ ही स्कूल के 100 गज के दूरी में मादक पदार्थों का सेवन एवं बिक्री पर प्रतिबंध हेतु स्कूलों में नोटिस बोर्ड तैयार किया गया है और सम्बन्धित ग्राम पंचायतों को इस दिशा में सकारात्मक पहल किये जाने कहा गया है। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में नशा मुक्ति पर नारा लेखन करने सहित परिचर्चा एवं जनजागरूकता रैली भी आयोजित किया जा रहा है। नशा पर हर वर्ग को सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन करना बहुत ही आवश्यक है ताकि जिले के सभी बच्चे नशा मुक्त रहते हुए सुरक्षित वातावरण में रहकर एक स्वस्थ परिवार व समाज का निमार्ण कर सकें। इस ओर समुदाय को सक्रीय सहभागिता निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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