दुर्ग
वाटर हार्वेस्टिंग, कुएं को पुनर्जीवन, प्रथम रोबटिक मशीन से सफाई के सभी दावे पर लगी जंग
भिलाई नगर, 8 मार्च। दुर्ग के सबसे पुराने इंदिरा मार्केट के कुएं में कुछ महीने पहले ही लाखों खर्च कर लगाया गया फव्वारा भरभरा कर गिर गया है। आपको बता दें कि पिछले साल दुर्ग निगम महापौर धीरज बाकलीवाल की पहल पर कुएं की सफाई कर यह फव्वारा लगाया गया था। वर्षों से कुएं में कचरा डाले जाने के कारण इसे नया जीवन देने महापौर ने कुएं की सफाई करवा कर यह फव्वारा लगवाया था जो कि एक साल के भीतर ही भरभरा कर गिर गया है।
आपको बता दें कि बदहाल हो चुके कुओं की सफाई कर संरक्षण की मुहिम निगम महापौर द्वारा पिछले वर्ष शुरू की गयी थी और इसी के तहत इंदिरा मार्केट के कुएं की सफाई कराई गई और कहा गया था कि कुएं की सफाई से न सिर्फ कुआं पुनर्जीवित होगा बल्कि इससे आसपास के लोगों को पानी मिल सकेगा, फव्वारा से वाटर हार्वेस्टिंग में भी मदद मिलेगी। कुएं में कचरा अधिक होने के कारण करीब महीने भर की मशक्कत के बाद भी मेनुअली सफाई नहीं हो पाई तब इस पर निगम प्रशासन ने रोबटिक मशीन मंगा कुएं की सफाई कराई थी। तब निगम ने दावा किया था कि रोबोटिक मशीन से कुएं की सफाई का यह प्रदेश पहला प्रयास था। कुएं की सफाई में सफलता भी मिली थी। कुआं सुरक्षित रहे और दोबारा कचरा डालने से रोकने के लिए कुएं को ढंक कर फव्वारा भी लगाया गया था, जो कि एक साल के भीतर ही गिर गया है। इसी दौरान शहर के लगभग 15 कुओं और 30 तालाबों का चिन्हांकन भी किया गया और इनकी सफाई भी होनी थी ताकि बेहतरीन वाटर रिचार्ज सिस्टम डेवलप किया जा सके। इंदिरा मार्केट के बाद मोहन नगर कुएं की भी सफाई शुरू कराई गई थी लेकिन अभियान इससे आगे नहीं बढ़ पाया था। अब इंदिरा मार्केट का प्रोजेक्ट इतनी जल्दी फेल होने के बाद यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। लाखों रूपये फूंकने के बाद प्रोजेक्ट का इस तरह धराशाई होना किसकी जवाबदेही को तय करेगा, यह सवाल उठना लाजिमी ही है।