जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 22 मार्च। मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड में दिनांक 15 से 19 मार्च की अवधि में 02 चरणों मे मनोरा विकासखंड के सभी प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेंडरी स्कूलों के एक - एक शिक्षकों को विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में विकास खंड शिक्षा अधिकारी एस. के. पटेल एवं सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी तरुण पटेल द्वारा प्रशिक्षण के उद्देश्य एवं उसकी उपयोगिता पर संबोधित किया गया। मास्टर ट्रेनर्स- कोमल साहू के द्वारा आपदा एवं विपदा की जानकारी आपदा के प्रकार ,सुरक्षित शनिवार गाइडलाइन की विस्तृत जानकारी दी गई, मीरा अग़वाल द्वारा बाल संरक्षण, बाल विवाह, बाल यौन शोषण, मानव तस्करी से संबंधित समस्त प्रकार के शोषण की जानकारी तथा बचाव के बारे में बताया गया। सभी प्रकार के टोल फ्री नंबर तथा उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दिया गया।
टुमनू गोसाई द्वारा दुर्घटनाओं के दौरान पीडि़तो का रेस्क्यू कैसे करें इस संबंध में सिंगल मैन रेस्क्यू, डबल मैन रेस्क्यू, ट्रिपल मैन रेस्क्यू,चेस्ट रेस्क्यू, स्ट्रेचर साइबर अपराध उससे होने वाले परेशानियों तथा उसके बचाव का डेमो प्रदर्शन द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया। अनुराधा त्रिपाठी द्वारा वाश की अवधारणा को बताते हुवे हाथ धुलाई के चरणों को बताया गया।
प्रशांत षडंगी के द्वारा शाला आपदा प्रबंधन समिति (स्ष्ठरूष्ट) के गठन एवम इसके उद्देश्य, सिद्धांत तथा इसकी उपयोगिता की जानकारी के साथ शाला आपदा प्रबंधन समिति के अंतर्गत जागरूकता एवम प्रसार समिति, अग्नि सुरक्षा समिति, बचाव के दल गठन तथा इसके कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। स्नेक बाईट के संबंध ने ग्रीन नेचर वेलफ़ेयर सोसाइटी जशपुर से आमंत्रित किये गये श्री कैशर हुसैन के द्वारा जानकारी दिया गया। चंद़शेखर भगत द्वारा जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग पर विस्तृत चर्चा के साथ यातायात नियमों की जानकारी तथा सुरक्षा उपायों, आग से बचने के उपाय पर चर्चा किया गया। सभी शिक्षकों को सुरक्षित शनिवार अंतर्गत किये जाने वाले गतिविधियों के समय सारणी संबंधी पोस्टर भी उपलब्ध कराया गया।
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रशिक्षण को अपने अपने स्कूल में बेहतर क्रियान्वयन करने हेतु संबोधित किया।
दो दिवसीय शाला सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम को संपादित करने में सी.ए.सी.श्री किशोर यादव, रामदयाल प्रधान, बी.एक्का, शिक्षक प्रेमलाल बर्मन, बी.आर.सी.लेखापाल नरेन्द्र कुमार बघेल का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।