गरियाबंद

श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करें-संत गोवर्धन शरण
21-Apr-2023 7:19 PM
श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करें-संत गोवर्धन शरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 21 अप्रैल। राजिम क्षेत्र के ग्राम पोलकर्रा (फिंगेश्वर) में सेवा राम साहू-श्रीमती भानु देवी के यहां श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ ब्रह्मलीन श्री 108 श्री सिया भुनेश्वरी शरण व्यास जी के कृपा पात्र शिष्य महामंडलेश्वर संत श्रीसिया गोवर्धन शरण महाराज जी के अमृत वाणी से श्रीमद् भागवत पुराण का कार्यक्रम चल रहा है।

पांचवे दिन भगवान श्री कृष्णा-भगवान श्री राम चन्द्र के अवतार के बारे में गुरुदेव द्वारा जनमानस को बताया गया। भगवान कृष्णा जी का जन्म दुराचारी कंस, जिनका काम था जनताओं को निरंतर वेदना पीड़ा देना अपने पिताजी को कारावास में रखा अपनी सगी बहन के सात पुत्रों को मारना, अत्याचार करना, तब उनके अत्याचार को अंत करने के लिए भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ। आज मानव दुराचारी कंस से भी ज्यादा जघन्य अपराध कर रहे हैं। जिससे समाज खोखली होती जा रही है। यही कलयुग है इसी प्रकार भगवान श्रीराम का जन्म भी दुष्टों के संहार के लिए हुआ है। महा प्रतापी दुराचारी रावण के वध के लिए भगवान राम का जन्म हुआ। रामायण में भगवान राम का कई रूप देखने को मिला वनवास की पूर्व श्रीराम थे। 14 वर्ष वनवास काटने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम बने। भगवान राम के हर रूप मानव समाज के लिए शिक्षा है। भगवान राम अच्छे बेटा बने, अच्छे पति बन,े अच्छे भाई बने, अच्छे मित्र बने अर्थात हर पात्र मानव समाज के लिए प्रेरणा दायी है। आज लोग सिर्फ जय श्री राम कहते हैं या नारा लगाते है। भगवान राम के आदर्शों का आत्मसात नहीं कर रहे हैं, जिससे अपराध बढ़ रहे हैं आप सब जनमानस से विनम्र अपील है कि राजा रामचंद्र को अपने दिलों में बिठाए मन मस्तिष्क में बिठाए और उनके हर कर्मों को आत्मसात करें। इस अवसर पर जनपद सभापति अर्चना - डॉ दिलीप साहू कथा श्रवण करने पहुंची।

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