गरियाबंद

छांटा के कवि सम्मेलन में खूब जमा हास्य व्यंग्य का रंग
22-Apr-2023 3:48 PM
छांटा के कवि सम्मेलन में खूब जमा हास्य व्यंग्य का रंग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा-राजिम, 22 अप्रैल। शहर से लगे हुए गांव छांटा में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के समापन दिवस के अवसर पर हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राधा कृष्ण की पूजा अर्चना कर किया गया।

इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित होकर काव्य रस का रसास्वादन किया। श्रोता हास्य, व्यंग्य, गीत, गजल, चुटकुले से देर समय तक ठहाके लगाते रहे। व्यंग्य नामचीन कवि संतोष सेन ने बढ़ती शराब की लत पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि-शराब स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है या हानिकारक मैं नहीं जानता। इतना जरुर जानता हूं कि इससे प्रशासन की सेहत अच्छी रहती है। उनकी व्यंग्य रचना के आगे की बानगी देखिए-मेरी चिंता का कारण मेरा छोटा भाई है शुरू शुरू में वह लिटिल पैक लेता था, लेकिन अब अध्धी ले रहा है। उनके सहारे उन्होंने खूब तालियां बटोरी। चौबेबांधा से पहुंचे हास्य कवि संतोष कुमार सोनकर मंडल ने चुटकुले से खूब हंसाया। उन्होंने कविताओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य की महिमा का गुणगान किया तथा हास्य कविताएं ने गुदगुदाया। बेटी पर शानदार कविताएं प्रस्तुत की। हर बेटी माता है संतान के भाग्य विधाता है करती निश्चल प्रेम सभी से रखती सबसे गहरी नाता है।

उन्होंने माताओं के चार रूप का वर्णन करते हुए कहा कि जन्म देती जब वह, बूढ़ी माई कहलाती है। बहन बन प्रेम लूटाती। राखी बांध संतोषी हो जाती है। पत्नी के रूप में सेवा करती जब वह, देवी लक्ष्मी सा मान पाती। मां सरस्वती का रूप लेकर नन्ही बिटिया प्यार फैलाती। हास्य कवि गोकुल सेन ने गरीबी को चित्रित करते हुए कहा कि मांगे वस्त्रों का शौक नहीं मुझे लंगोटी दो। हे मां भूख लगी मुझे रोटी दो। युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर समसामयिक विषय पर गजल पढ़ी।

उन्होंने कहा कि राही सब ठांव की तलाश में है, शहर भी गांव की तलाश में है। हर तरफ धूप का कहर है मचा, पेड़ भी छांव की तलाश में है पढक़र खूब वाहवाही बटोरी साथ ही छत्तीसगढ़ के बेमेतरा की हिंसा की घटना को अपने शेर के माध्यम से उकेरा खूनी हरेक मंजर क्यों है आग दिलों के अंदर क्यों है, ऐ अमने वतन चाहने वालों तेरे हाथों में खंजर क्यों है।

पैरोडीकार मकसूदन साहू बरीवाला कोको कोला एवं छत्तीसगढ़ के सब्जी बड़ी पर शानदार कविता सुनाकर वाहवाही बटोरी उन्होंने पताल चटनी पर जोरदार कविता पढ़ें। गीतकार मोहनलाल मानिकपन ने गीतों की तान से श्रोताओं को बांधे रखा। कवि पुनारद साहू ने छत्तीसगढ़ी में गीत प्रस्तुत कर माहौल में रंग जमा दिया। उपस्थित श्रोता आर के सोनी ने भी कविता प्रस्तुत किया। आभार प्रकट अशोक साहू ने किया। इस मौके पर नंदकुमार साहू, घनश्याम गुरुजी, लोकेश साहू सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं ग्रामवासी उपस्थित होकर का रस में डूबे रहे।

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