बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 जून। सार्वजनिक वितरण प्रणाली पीडीएस को स्मार्ट बनाने की दिशा में भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है। वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत अब सभी राज्यों में स्मार्ट पीडीएस लागू किया जाना है। जिसके लिए जिले में राशन कार्ड के सभी सदस्यों को राशन दुकानों में अपने आधार के माध्यम से ही ई पास मशीनों में ई केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है। इस नियम के तहत जिले की राशन दुकानों में ई केवाईसी कराने हितग्राही पहुंचने भी लगे हैं। लेकिन विभाग से इस संबंध में अब तक कोई विधिवत आदेश राशन दुकानों के लिए जारी नहीं किया गया है। इस कारण दुकान संचालक भी कार्ड धारी सदस्यों का ई केवाईसी किए बिना उन्हें वापस लौट आ रहे हैं।
मृत्यु होने पर भी कई सदस्यों के नाम नहीं कटवाते
ई केवाईसी कराए जाने के बाद ऐसे सदस्यों के नाम भी कार्ड से अपने आप हट जाएंगे इसकी मृत्यु हो चुकी है। देखा गया है कि कई कार्ड धारी अतिरिक्त खाद्यान्न मिलने के लालच में मृत हो चुके सदस्य का नाम नहीं कटवाते हैं। लेकिन ई केवाईसी कराए जाने के दौरान सदस्य कोई भी पास मशीन में अपना अंगूठा लगाना पड़ेगा। जिससे मृत हो चुके सदस्य का नाम अपने आप कार्ड से हट जाएगा।
बच्चों का आधार अपडेट नहीं तो होगी परेशानी
राशन कार्ड अब महिला मुखिया के नाम से जारी होता है। जिसमें 5 साल तक के बच्चों का नाम भी शामिल रहता है। उम्र बढऩे के साथ ही उनकी प्रिगर प्रिंट और आंख का आकार भी बढ़ जाता है। इसी वजह से आधार कार्ड को अपग्रेड करने के बाद ही ई केवाईसी कराने कहा गया है।
30 जून तक अनिवार्य
जिले में सभी पीडीएस हितग्राहियों को ई पास उपकरण में ई केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है। जो कि पूर्णता निशुल्क है। भारत सरकार के निर्देशानुसार 30 जून तक सभी कार्ड धारी सदस्यों को ई केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है। बिना ई केवाईसी के खाद्यान्न में कटौती भी हो सकती है। राशन कार्ड में कई सदस्यों में बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से जो बच्चे अब बड़े हो चुके हैं उनका भी आधार अपडेट के साथ ई केवाईसी कराना होगा। इसके बिना उसको राशन नहीं मिल पाएगा।
चावल वितरण में होगा सुधार पारदर्शिता भी
केंद्र सरकार ने पिछले साल से वन नेशनल वन कार्ड स्कीम शुरू की है। इसके तहत अब राशन कार्डधारी देश के किसी भी राज्य के दुकान से राशन ले सकते हैं। इस स्कीम के लागू होने के बाद राशन कार्ड में शामिल सभी सदस्यों को आधार कार्ड के ही पास मशीनों से लिंक कराया गया था। लेकिन इसके बाद भी राशन दुकानों में फर्जीवाड़ा होने की कई मामले सामने आए हैं।