बलौदा बाजार

धूप-बारिश से उपार्जित धान हो रहा खराब
29-Apr-2024 2:50 PM
धूप-बारिश से उपार्जित धान हो रहा खराब

हाईकोर्ट द्वारा दिया समय भी खत्म, अब धान खराब बोलकर संग्रहण केन्द्र से धान की हो रही है वापसी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 29 अप्रैल।
समर्थन मूल्य में धान खरीदी बंद होने के बाद तीन माह होने को है। फिर भी बलौदाबाजार जिले में करीब 8 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है। अकेले लवन शाखा में 2 लाख क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है। 

समितियों में उपार्जित धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। गर्मी और बारिश से धान का नुकसान हो रहा है। वहीं चूहे धान की बोरियों को कुतर रहे है। गर्मी में धान भी तेजी से सुख रहा है, फिर भी जिम्मेदारों द्वारा धान उठाव को लेकर विशेष रूचि नहीं दिखाई जा रही है। जिसके चलते खुले आसमान के नीचे लाखो क्विंटल धान पड़ा हुआ है, खराब हो रहा है। 

वहीं, सहकारी समिति के कर्मचारी संघ द्वारा धान उठाव को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था। जिस पर हाईकोर्ट ने 30 दिन में धान का उठाव कर लेने का निर्देश दिया गया था। दिया गया समय पूरा हो गया है। इसके बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा उपार्जित धान का परिवहन नहीं करा रहा है, जिसके समिति प्रबंधक परेशान हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार जिले में बीते वर्षों की बात की जाए तो धान का उठाव सही समय पर हो गया था। इस वर्ष धान का उठाव करने में बहुत ही देरी हो रहा है। धान का उठाव सही समय पर नहीं होने से किसान खाद, बीज के लिए भटकते नजर आ रहे हंै। किसान जीरो प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण लेने के लिए समितियों का चक्कर काट रहे हंै, लेकिन धान की खरीदी बीत जाने के तीन माह बाद भी धान का उठाव नहीं होने से सहकारी समितियों में खाद, बीज के लिए किसानों को चक्कर काटना पड़ रहा है। 

धान का उठाव पूरी हो जाने के बाद ही सहकारी समितियों में खाद, बीज, ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन इस वर्ष धान का उठाव सही समय पर नहीं होने पर किसान भटक रहे है। वहीं, एक माह बाद किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट जाएंगे। ऐसे में किसानों के हाथों में खाद, बीज सही समय पर उपलब्ध न हो पाना किसानों के लिए चिन्ता का सबब बना हुआ है।

जिले के कलेक्टर के.एल चौहान ने जिम्मेदारों से जवाब मांगा था। धान की बोरियों की मौजूदा स्थिति बताने के लिए उन्हें तीन दिन का समय दिया गया था। तीन दिन से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी उठाव की ओर शासन-प्रशासन के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 

इधर, प्रबंधकों का कहना है कि जिला विपणन अधिकारी ने प्लास्टिक बोरी का डीओ नहीं काटा है, जबकि खरीदी केन्द्रों में धान बम्पर स्टॉक प्लास्टिक की बोरियों में ही भरा पड़ा है। ऐसे में मौसम की मार और चूहों के कुतरने से प्लास्टिक की बोरियां फट रही है। इससे समितियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, तेज धूप में ज्यादा दिनों तक पड़े रहने से धान की क्वालिटी में भी फर्क आना शुरू हो गया है।

जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ उपाध्यक्ष रामकुमार साहू का कहना है कि  हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद भी लाखों क्विंटल धान उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, परिवहन अभी तक नहीं हुआ है। संग्रहण केन्द्र के प्रभारी के द्वारा भेजा गया धान को खराब बोलकर वापस किया जा रहा है। समिति कर्मचारी का कार्य केवल धान खरीदी करना। खरीदी के तीन माह बाद भी परिवहन नहीं किया गया है।

जिला सहकारी बैंक बलौदाबाजार के नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा का कहना है कि धान का उठाव के लिए डीओ, टीओ कट गया है, दो दिवस के भीतर धान का उठाव सम्भवत: हो जाएगा। समितियों में खाद, बीज के लिए लिखाना शुरू हो गया है। किसान समितियों में जाकर खाद, बीज, ऋण ले सकते हैं।
 

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