रायगढ़
तत्कालीन म.प्र. सरकार में कैबिनेट मंत्री थे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 जून। रायगढ़ रियासत के महाराज कुमार भानुप्रताप सिंह का बुधवार को रायपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया।
92 वर्षीय कुंवर भानुप्रताप सिंह लम्बे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। स्वर्गीय कुमार भानुप्रताप सिंह राजा चक्रधर सिंह के द्वितीय पुत्र थे तथा वह राजा ललित सिंह के छोटे भाई थे।
राज परिवार से मिली जानकारी अनुसार महाराज कुमार भानुप्रताप सिंह तत्कालीन म.प्र. सरकार में कैबिनेट मंत्री, तथा पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष एवं पूर्व कांग्रेस महामंत्री व विधायक भी रहे। वर्तमान में वह ऐतिहासिक चक्रधर समारोह के अध्यक्ष थे। उन्होंने राजकुमार कॉलेज सीनियर कैंब्रिज से पढ़ाई की तथा वे एक बहुत ही प्रतिभाशाली छात्र रहे। वे हॉकी और क्रिकेट टीमों का कप्तान बताये जाते है।
स्वर्गीय कुमार भानुप्रताप सिंह को तैराकी, घुड़सवारी, नाटक आदि में काफी दिलचस्पी थी। 1955 में नागपुर की राजकुमारी रानी तेजश्री देवी सिंह से उनका विवाह हुआ और उनके एक बेटा और 3 बेटियां हैं। रानी तेजश्री देवी एक महान कवयित्री थीं। उनकी दो पुस्तकें रुकोगी नहीं राधिका और पलको की देहलीज लिखी जो पूरे प्रदेश में विख्यात हुए। उम्र दराज होने के कारण वह अस्वस्थ चल रहे थे। इससे हाल ही में कुछ दिन पूर्व ही उन्हे जिंदल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत ज्यादा खराब होने की स्थिति में उन्हें रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां बुधवार को उनका देहांत हो गया।
राजा ललित सिंह के छोटे भाई थे
स्वर्गीय महाराज कुमार भानुप्रताप सिंह संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह के छोटे पुत्र व राजा ललित सिंह के छोटे भाई थे।
शुक्रवार को मुखग्नि
राज परिवार से मिली जानकारी के अनुसार उनके पर्थिव देह को बाई रोड रायगढ़ लाया जा रहा है। इसके कारण गुरूवार को उनके पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिये रखा गया इसके बाद शुक्रवार को राजघाट में उन्हें मुखाग्नि दिया जाएगा।