सरगुजा

स्कूलों एवं गांवों में बाल सभा, बच्चों को करेंगे जागरूक
27-Jun-2023 8:21 PM
स्कूलों एवं गांवों में बाल सभा, बच्चों को करेंगे जागरूक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
अम्बिकापुर, 27 जून।
छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला (सीसीआरओ) सरगुजा की बैठक एमएसएसवीपी कार्यालय अम्बिकापुर में हुई। ज्ञात हो कि यूनीसेफ छत्तीसगढ़ के सहयोग से छत्तीसगढ़ में काम कर रही सीसीआरओ के माध्यम से प्रदेश भर में सैकड़ों सामाजिक संगठन जुडक़र बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं।

बैठक को सम्बोधित करते हुए सीसीआरओ के प्रदेश प्रभारी एवं एमएस वीपी के मनोज भारती ने सामाजिक संस्थाओं से पहुंचे पदाधिकारियों से बात करते हुए कहा कि अब स्कूल खुल चुके हैं और हम सब को एक बार फिर से स्कूलों में एवं गांवों में बैठकर बाल सभा का आयोजन करना है,और बच्चों से उनकी समस्याओं को लेकर बात करनी है और उनके अधिकार उन्हें बताने हैं। बच्चों से मिले समस्या अथवा इस कार्यक्रम को जो भी फीडबैक होगा, उसे हम राज्य स्तर पर एक साथ लिपिबद्ध कर राजनैतिक पार्टियों को उपलब्ध करायेंगे। यह पूरा कार्यक्रम हम सब को नि:स्वार्थ भाव से बगैर किसी बज़ट के करना है। विगत वर्ष भी हम सबने सरगुजा संभाग में ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर बच्चों के साथ एक अच्छा कार्यक्रम किया था। इस बार भी हम सबको अपने उपलब्ध संसाधनों के साथ अच्छा परिणाम देना है और राज्य भर में सरगुजा को अव्वल रखना है।

सीसीआरओ के सरगुजा प्रभारी वरिष्ठ समाजसेवी मंगल पाण्डेय  निदेशक चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी ने कहा कि विगत वर्षों में हम सबने काफी अच्छा कार्य किया है। चूंकि जब भी चुनाव आता है । राजनैतिक दल अपने घोषणा पत्र में उसी को टारगेट करते हैं जो मतदाताओं का मुद्दा होता है, लेकिन सबके सूची में बच्चा छूट जाता है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना है, सामाजिक परिवेश में चर्चा बढ़ानी है कि लोग बच्चों की भी सुनें, किसी भी कार्य में बच्चों के साथ राय मशवरा हो, पंचायतों में बच्चों की सुनी जाये ।और यह तभी होगा, जब हम लगातार इस पर चर्चा करते रहें, बच्चों के बीच कोई न कोई गतिविधियां संचालित करते रहें।

 पिछले वर्ष हम सबने बिना किसी बजट के सरगुजा संभाग में बेहतर कार्य किया था, जिसकी चर्चा प्रदेश स्तर पर हुई थी, इस बार भी हमें इस पर कार्य करने की जरूरत है और आप सभी इसमें अपने-अपने स्तर पर सहयोग करें । तभी कुछ अच्छा कर पाना अथवा सामाजिक बदलाव की ओर कदम बढ़ा पाना संभव हो पायेगा। 

सामाजिक संस्था सेवा भास्कर से वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि बच्चों के पास तीन महत्वपूर्ण स्थल हैं जहां वे अपना पूरा समय व्यतीत करते हैं, पहला उनका घर, दूसरा उनका स्कूल और तीसरा उनका मुहल्ला और हमें इन तीनों ही स्तर पर बच्चों से मुलाकात कर उनकी बात सुननी होगी। उनके घर पर क्या समस्या आ रही है, उनके मुहल्ले में क्या समस्या है और स्कूल में क्या समस्या है। यह समस्या कई स्तर पर हो सकते हैं, जिसे हम नजऱअंदाज करते हैं, कई बार ये कई बड़ी समस्याओं को जन्म दे देती है, इसलिये सभी को इन तीनों ही स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में सहभागी विभिन्न संगठनों के लोगों ने अपनी बात रखी तथा आगामी समय में बच्चों के मुद्दों पर मुखर होकर कार्य करने का निर्णय लिया। 

बैठक में सुरेन्द्र साहू, अनिल मिश्रा, संतोष दास, अफसाना बेगम, अंचल ओझा, फिलिप एक्का, सत्यम द्विवेदी, अंजलूस लकड़ा, रणधीर सिंह, रशीदा खातुन, जितेन्द्र बिन्दू सहित काफी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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