दुर्ग
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि का व्यसन मुक्ति कार्यक्रम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 जुलाई। महात्मा गांधी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय दुर्ग में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत व्यसन मुक्ति का कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय आनंद सरोवर बघेरा द्वारा आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी खुशबू बहन जी ने कहा कि क्षणिक आनंद की प्राप्ति के लिए लोग नशे का सहारा ले रहे हैं। जो उसके धन, स्वास्थ और चरित्र को बर्बाद कर देता है। जबकि स्थाई आनंद की प्राप्ति तो हमें आनंद के सागर परमात्मा से संबंध जोडक़र ही प्राप्त होता है। जिसे ही हम राजयोग कहते हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए ब्रह्माकुमारी कामिनी बहन जी ने कहा कि कई लोग अपने नशाग्रस्त होने के लिए अपनी परिस्थिति को दोष देते हैं। बल्कि किसी भी व्यक्ति के अच्छा या बुरा बनने के लिए उसका दृष्टिकोण जिम्मेवार होता है। हर परिस्थिति में सकारात्मक नजरिया रखकर सफलता की ऊंचाई को छू सकते हैं। हमें गलत चीजों की चुनौती को कभी भी स्वीकार नहीं करनी चाहिए। नहीं तो हम सदा ही नुकसान ही उठायेंगे। सच्ची घटना का जिक्र करते हुए ब्रह्माकुमारी कामिनी बहन ने कहा कि नशाग्रस्त लोगों की इलाज करने वाले एक डॉक्टर अपने पेशेंट से कहते हैं कि आखिर इस नशे के इंजेक्शन में रखा ही क्या है? जो तुम लोग इसे छोड़ नहीं पाते हो। तो पेशेंट ने कहा कि एक बार लेकर देखो तब पता चल जाएगा। डॉक्टर ने यह कहते हुए उसकी चुनौती को स्वीकार कर लिया कि मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वह डॉक्टर भी नशे का आदी हो गया, और उसका सब कुछ बर्बाद हो गया।
अंत में ब्रह्माकुमारी कामिनी बहन जी ने सभी को आजीवन नशा मुक्त रहने की शपथ दिलाई एवं सभी के उत्साहवर्धन के लिए नशा मुक्ति के नारे लगवाए। ब्रह्माकुमारी खुशबू बहनजी ने सभी को राजयोग के अभ्यास द्वारा गहन मानसिक शांति की अनुभूति कराई।
इस कार्यक्रम को प्राचार्य दिनेश अग्रवाल ने भी संबोधित किया। ब्रह्माकुमारीज द्वारा किए जा रहे नशा मुक्ति प्रयास की सराहना की एवं अभियान की सफलता की शुभकामनाएं दिया। इस कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन ब्रह्माकुमार दाऊ ने किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक गण उपस्थित थे।