राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 अगस्त। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने वित्त सचिव को ज्ञापन सौंपकर निम्न पद से उच्च पद पर चयनित शिक्षकों को स्टाइपेंड नियम से मुक्त करने का पक्ष रखा है। उन्होंने वित्त सचिव के समक्ष पक्ष रखा कि शिक्षा विभाग में पहले से कार्यरत जिन शिक्षकों ने विभागीय अनुमति लेकर निम्न पद से उच्च पद पर चयनित होने के फलस्वरूप निम्न पद से तकनीकी त्यागपत्र दिया था, उन पर छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग का आदेश 3 अगस्त 2018 (वित्त निर्देश 41/2018) प्रभावशील है, लेकिन इसका पालन शिक्षा विभाग नहीं हो रहा है।
फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, सीएल चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, रंजीत कुंजाम, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, देवचंद बंजारे, शिव प्रसाद जोशी, खोमलाल वर्मा, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेंद्र साहू, संजीव मिश्रा, हेमंत दोंदीलकर, संगीता ब्यौहरे, अभिशिक्ता फंदियाल, सुधांशु सिंह, पायल देवांगन, वंदना पानसे, शिरीष कुमार पांडे, राजेश शर्मा, नरेश प्रसाद दुबे, रमेश कुमार साहू, ईश्वरदास विश्राम, रानी ऐश्वर्य सिंह ने उपरोक्त जानकारी देते बताया कि जीवन में आगे बढऩे की इच्छा, किसे नहीं होती है। छोटा व्यापारी बड़ा व्यापारी बनना चाहता है, छोटे किसान बड़े किसान बनना चाहते हैं। ठीक उसी प्रकार कर्मचारी भी अपनी योग्यता के आधार पर निम्न पद से उच्च पद में जाना चाहते हैं।
इसके लिए कुछ कर्मचारी प्रमोशन का इंतजार करते हैं तो कुछ सीजीपीएससी एवं व्यापम की सीधी भर्ती की परीक्षा में विभागीय अनुमति लेकर परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च पद में जाते हैं, ताकि उन्हें उच्च पद में निम्न पद की तुलना में ज्यादा वेतन लाभ एवं स्टेटस मिल सके, परंतु वर्तमान में छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग में इसका उल्टा हो रहा है, जो शिक्षक विभागीय अनुमति लेकर परीक्षा देकर उच्च पद में गए हैं, उन्हें अब निम्न पद की तुलना में कम वेतन मिल रहा है। इसका मुख्य कारण है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त निर्देश 41/2018 के कंडिका-2.2 में उल्लेखित वेतन संरक्षण का लाभ न देकर चयनित पद के वेतनमान का प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष 80 प्रतिशत और तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत, स्टाइपेंड दिया जा रहा है, जो कि गलत है।