बस्तर
ऑटो के ऊपर माइक लगाकर हल्बी भाषा में प्रचार-प्रसार, वीडियो फैला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 30 अगस्त। पूरे देश में जहां रक्षा बंधन के पर्व को लेकर खुशी देखी जा रही है, बहनों के द्वारा अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए उत्सुकता नजर आ रही है, जिसके लिए मंगलवार की देर रात तक शहर की बाजार राखी दुकानों से सजी हुई थी, वहीं रक्षाबंधन पर्व को लेकर बस्तर संभाग में एक बड़ी बात सामने निकल कर आई है, जहां सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष ने इस बात को कहा है कि रक्षाबंधन का पर्व आदिवासियों का नहीं है, इसे मानना या ना मानना उनके ऊपर है।
मानना या न मानना लोगों पर निर्भर
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर का कहना है कि रक्षाबंधन पर्व आदिवासियों का पर्व नहीं है, लेकिन इसे मानने के लिए या ना मानने के लिए किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं दिया गया है। समाज के लोग स्वेच्छा से इस दिन को मनाए या ना मनाए, यह उनके ऊपर निर्भर करता है।
रक्षाबंधन नहीं मानने की अपील
सोशल मीडिया में एक वीडियो देखा जा रहा है, जहां गांव में एक ऑटो के ऊपर माइक लगाकर हल्बी भाषा में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसमें राखी नहीं मानने की बात कही जा रही है। यह त्योहार बाहरी लोगों का है, हमारा त्योहार नहीं है, इससे बाहरी लोगों का फायदा होता है, इस वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि न ही गणेश पूजा करना है और न ही दुर्गा पूजा करनी है, यह वीडियो कितना सही है, इसकी अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है।