राजनांदगांव
शहर में पसरे गंदगी से पनप रहे मच्छर, निगम के अफसर सफाई का कर रहे झूठा दावा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 3 सितंबर। जिले में डेंगू रोग से एक 28 साल की महिला की मौत की घटना सामने आते ही नगर निगम अमले की सफाई को लेकर किए जा रहे दावे की पोल खोलकर रख दी है। शहर के भीतर पनपे गंदगी ने मच्छरों को हमलावर बना दिया है। लिहाजा स्थानीय जिला चिकित्सालय में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मी दंपत्ति की होनहार बेटी की डेंगू ने जान ले ली।
पिछले दिनों स्थानीय मेडिकल कॉलेज में उपचार के बाद बीमार महिला को भिलाई रिफर किया गया था। उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक पूजा साहू का इलाज जिला अस्पताल के बाद मेडिकल कॉलेज में किया गया। शनिवार की शाम को उसकी सेहत बिगड़ती चली गई। बीमार महिला को भिलाई के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया। इलाज शुरू होते ही उसकी जान चली गई। मृतिका के माता-पिता जिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी हैं। स्वास्थ्य महकमे में उचित उपचार के अलावा शहर में फैलती गंदगी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बारिश के मौसम में भी नालियां बजबजा रही है। शहर के सघन बस्ती वाले इलाकों में मच्छरों का आतंक है। वहीं देहात क्षेत्रों में भी मच्छर लोगों पर डंक मार रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से डेंगू मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। मेडिकल कॉलेज में आधा दर्जन से ज्यादा डेंगू ग्रस्त मरीज उपचारार्थ दाखिल हैं। एक्का-दुक्का मामले रोज सामने आ रहे हैं। महीनेभर पहले टेडेसरा में एक साथ डेंगू के 8 मामले सामने आए थे। इसके बाद से स्वास्थ्य अमला डेंगू के खिलाफ अभियान चला रहा है।
एक जानकारी के मुताबिक ओपीड़ी रोजाना औसतन एक मरीज डेंगू की शिकायत से अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब दो माह से अलग-अलग इलाकों से डेंगू मरीजों की संख्या इजाफा हुआ है। डेढ़ महीनों में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा मरीज डेंगू के शिकार हुए हैं। जिसमें कुछ की हालत सामान्य रही। वहीं गंभीर मरीजों को सघन चिकित्सकीय सुविधा दी गई। डेंगू के मामलों में कमी नहीं आई है। संक्रामक बीमारी होने के कारण निगम ने अब तक ठोस अभियान पर जोर नहीं दिया है। ऐसी स्थिति में नालियों की सफाई के अलावा कचरों का उठाव होना चाहिए। निगम के अफसर सिर्फ चुनिंदा इलाकों में साफ-सफाई का अभियान चलाकर वाहवाही लूट रहे हैं। बहरहाल एक युवती की मौत होने से डेंगू रोग का खतरा शहर पर मंडरा रहा है। घनी आबादी वाले इलाकों में साफ-सफाई ठप पड़ी हुई है। यही कारण है कि डेंगू ग्रस्त परिजनों को चिकित्सकों की ओर से स्वयं एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।