गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 3 अक्टूबर। सोशल मीडिया और डिजिटल युग आने के बाद ऑनलाइन धोखाधड़ी और ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताज्जुब की बात है कि इसमें पढ़े-लिखे शिक्षित और जिम्मेदार सरकारी अफसर भी ऑनलाइन ठगी के शिकार होने लगे है। हाल ही गरियाबंद जिले में एक सीएमओ आनलाइन ठगी के शिकार हो गए है। शातिर ठग ने नकली रिश्तेदार बनकर सीएमओ को 70 हजार की चपत लगा दी है। शिकायत के बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक गरियाबंद जिले के मुख्यालय स्थित नगर पालिका परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी आनलाइन ठगी के शिकार हो गए है। यह ठगी तो ऑनलाइन है लेकिन ठग द्वारा अपनाया गया पैतरा नया है। अब तक तो लोग बैंक कर्मचारी के नाम के फेक काल मैसेज तथा टेक्स्ट, व्हाट्स ग्रुप में आई लिंक के माध्यम से आनलाइन ठगी का शिकार हो रहे थे। इसमें थोड़ी जागरूकता आई तो ठगो ने अपना पैंतरा बदल नई तरकीब निकाल ली। इस बार ठग ने नकली रिश्तेदार (फूफा) बनकर सीएमओ को फोन किया, बुआ के एक्सीडेंट का हवाला देकर इलाज के नाम पर सीएमओ से अलग-अलग किस्तों में 70 हजार रुपए चपेट लिए।
सीएमओ ने भी पैसे ट्रांसफर करते समय जागरूकता नहीं दिखाई। बिना रिश्तेदारों से कंफर्म किए अनजान नंबर से आए फोन को सच मानकर पैसे ट्रांसफर करते रहे। जब नकली रिश्तेदार उन्हें बार बार कॉल कर और अधिक पैसे के लिए तंग करने लगे तब जाकर सीएमओ को ठगी की शंका हुई। उन्होंने एक बार रिश्तेदार से बात करना जरूरी समझा। जब रिश्तेदारों से बात हुई तब जाकर उन्हें पूरी हकीकत पता चली। जिसके बाद सिटी कोतवाली थाने में उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के बाद पुलिस भी मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।
नगर पालिका अधिकारी तिवारी ने पुलिस को बताया कि 29 सितंबर की शाम 6 बजे मोबाइल नंबर 9302884253 से काल आया कि तुम्हारा फूफा जी बोल रहा हूं। तुम्हारी बुआ जी का एक्सीडेंट हो गया है, जो कोमा में है ऑपरेशन के लिये पैसे की जरूरत है।
एक्सीडेंट की बात सुनकर वे झांसे में आ गए और कालर 9302884253 को तत्काल 10 हजार एवं 15 हजार आनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद वाट्सअप में भेजे क्यूआर कोड में 20 हजार एवं कोटक महिन्द्रा खाता में 25 हजार कुल 70 हजार ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी कालर लगातार वाट्सअप कल कर पैसा डालने का दबाव बना रहा था, उन्हें धोखाधड़ी की शंका हुई। जब रिश्तेदारों को फोन किया तो पता चला कि बुआ का किसी प्रकार का एक्सीडेंट नहीं हुआ है। फर्जी कॉल था। जिसके बाद उसी दिन थाने पहुंच के मामले की शिकायत दर्ज कराई। सीएमओ को भावनात्मक महंगा पड़ गया।
थाना प्रभारी जांगड़ा ने बताया कि सीएमओ की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है साइबर टीम की मदद से पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।