राजनांदगांव
मोहला-मानपुर, खैरागढ़ और नांदगांव के नक्सल क्षेत्रों में कंपनी तैनात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अक्टूबर। विधानसभा चुनाव के लिए इस बार सुरक्षा को लेकर खास एहतियात बरती जा रही है। पहले चरण के विस चुनाव में बस्तर के साथ शामिल अविभाजित राजनंादगांव जिले की सभी छह सीटों का नक्सल उपद्रव का इतिहास रहा है।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग की मांग पर पैरामिलिट्री फोर्स का एक बड़ा दस्ता अविभाजित राजनंादगांव जिले को भी उपलब्ध कराया है। जिसमें नवीन जिले मोहला-मानपुर और खैरागढ़ भी शामिल है। नक्सल क्षेत्रों में पैरामिलिट्री फोर्स की धमक होने से बेखौफ मतदान के लिए ग्रामीणों के सामने आने की उम्मीद है। वहीं नक्सलियों के हिंसक रवैये पर भी लगाम लगने की संभावना बढ़ी है। एक जानकारी के मुताबिक तीनों जिलों के लिए 120 कंपनियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। प्रति कंपनी में लगभग 120 जवान शामिल हैं। यानी 14 हजार 400 जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी सम्हालेंगे। इसके अलावा जिला पुलिस और एसटीएफ तथा अन्य फोर्स को भी नक्सल क्षेत्रों में शांतिपूर्वक मतदान कराने के लिए तैनात किया गया है।
इस संबंध में राजनंादगांव एसपी मोहित गर्ग ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि कंपनियों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। नक्सल क्षेत्रों में रवानगी शुरू की गई है। पिछले कुछ दिनों से नक्सलग्रस्त तीनों जिलों में विधानसभा चुनाव के दौरान उत्पात मचाने की आशंका से जुड़ी जानकारियां पुलिस महकमे को मिल रही है। मोहला-मानपुर में भाजपा नेता की हत्या से विस चुनाव में हिंसक वारदात के आसार बढ़ गए हैं। पैरामिलिट्री फोर्स को अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। उधर छत्तीसगढ़ में हो रहे चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और गोंदिया जिले के जवान भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
नक्सलियों के मूवमेंट को लेकर सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचनाएं भी साझा की जा रही है। 7 नवंबर को होने वाले मतदान के मद्देनजर जमीनी स्तर पर सुरक्षा अमले को तैनात कर दिया गया है। वैसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नक्सली विस्फोट और मुठभेड़ कर लोगों की हत्या कर चुके हैं। 2009 के लोस चुनाव में गोटाटोला क्षेत्र में मतदान दल में शामिल एक जीप को विस्फोट कर दिया गया था। जिसमें 2 से 3 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं नक्सलियों ने पोलिंग बूथों पर भी हमला किया था।