रायपुर
रायपुर, 11 नवम्बर। दिसंबर में शपथ लेने वाली सरकार को पहले साल कंजूसी करनी पड़ेगी । बढ़ते कर्ज को देखते हुए वित्त विभाग ने नये बजट के आकार को मात्र सात फीसदी तक बढ़ाने की अनुमति दी है । यानी हर विभाग अपने चालू बजट से केवल 7प्रतिशत अधिक प्रावधानों के प्रस्ताव दे सकेंगे। इन पर विभागाध्यक्ष स्तरीय चर्चा 22 नवंबर से 30 नवंबर के बीच होंगी। लेकिन आय से संबंधित राजस्व, उर्जा,परिवहन, आबकारी,पंजीयन, जीएसटी,खनिज ,वन, जल संसाधन की चर्चाएं इस दौरान नहीं होंगी। समझा जा रहा है कि इन विभागों की चर्चा नई सरकार के गठन बाद होगी।निरंतर बजट अनुमान के प्रस्ताव पर प्रशासकीय विभागों के अधिकारियों के साथ विभागाध्यक्ष एवं संचालक बजट / विशेष सचिव / संयुक्त सचिव / उप सचिव स्तर की चर्चा संलग्न सूची के अनुसार निर्धारित की गई है। चर्चा के दौरान प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करते हुए नवीन मद प्रस्ताव भी उपलब्ध कराये ताकि सचिव स्तरीय चर्चा के समय नवीन मद प्रस्तावों पर विचार किया जा सके ऐसे योजनाओं जिनकी उपयोगिता नहीं है या अन्य योजनाओं से अतिव्यापन हो रहा है ।केन्द्रीय योजनाओं के समान है, को निरस्त करने के प्रस्ताव भी मांगे गए हैं। ताकि प्राप्त राशि को प्रस्तावित नवीन योजनाओं में समायोजित किया जा सके।
वित्तीय वर्ष 2022 2023 एवं वर्ष 2023 2024 के व्यय विवरण / वाहन क्रय का विवरण / नवीन पद सृजन एवं भर्ती की सहमति से संबंधित जानकारी बैठक में अनिवार्यत साथ लाने कहा गया है।