रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 नवंबर। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार, एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन और विधानसभा में वामपंथ की उपस्थिति को सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
पार्टी के लिए आकाशवाणी से प्रसारित वक्तव्य में जिला सचिव मंडल सदस्य अजय कन्नौजे ने कहा कि कॉरपोरेटो के मुनाफों को बढ़ाने के लिए देश की संपदा बेची जा रही है। बालको जैसे प्रतिष्ठित सार्वजनिक उद्योग को एक पूंजीपति को बेचने का कलंक भी भाजपा के ही माथे पर है।
वन संरक्षण कानून और आदिवासी वनाधिकार कानून को केंद्र के स्तर पर ही कमजोर किया जा रहा है, ताकि यहां के संसाधनों को कॉर्पोरेटों को सौंपा जा सके। इससे आदिवासियों का जीवन ही खतरे में पड़ गया है। किसान विरोधी कानूनों के जरिए हमारी खेती-किसानी को कॉर्पोरेटों को सौंपने और श्रम संहिताओं के जरिए मजदूरों को गुलामी के युग में ढकेलने की कोशिश भी भाजपा सरकार कर रही है।
इसलिए केंद्र और राज्य में उसका सत्ता में आना खतरनाक है। यह देश के भविष्य को ही चौपट कर देगा। उन्होंने कहा कि आम जनता की अपेक्षाओं पर कांग्रेस भी खरी नहीं उतरी है। भाजपा राज में आदिवासियों पर हुई हिंसा के लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने के मामले में वह विफल साबित हुई है।
वनाधिकार कानून का क्रियान्वयन निराशाजनक है और पेसा के नियमों को इस प्रकार बनाया गया है कि वह मूल कानून की भावना के खिलाफ ही हो गया है। इसलिए विधानसभा में ऐसे वामपंथी प्रतिनिधि की उपस्थिति भी जरूरी है, जो सरकार को जन अपेक्षाओं के अनुकूल कदम उठाने के लिए मजबूर कर सके।