रायपुर
![खून बह रहा था, प्लेटफार्म पर 25 मिनट तक कोई हलचल नहीं थी खून बह रहा था, प्लेटफार्म पर 25 मिनट तक कोई हलचल नहीं थी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/171612667231.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। शालीमार से चलकर मुंबई एलटीटी जाने वाली 18030 शालीमार एक्सप्रेस आज रायपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमे करीब तीन यात्री घायल
हो गए।
दुर्घटना उरकुरा स्टेशन के पास करीब 10 बजे हुई जब ट्रैक के पास लगाया गया एक खम्बा चलती ट्रैन पर गिर गया। रेलवे जाँच में पता चलेगा पोल कैसे उखड़ कर ट्रेन पर ही गिर गया। रेलवे इस गंभीर लापरवाही से बच नहीं सकता। हालांकि एक बड़ी दुर्घटना जरूर
टल गई।
ट्रेन लगभग सवा दस बजे रायपुर के प्लेटफार्म नंबर 1 में पहुंची। हमारे एक संवाददाता साथी उस समय प्लेटफार्म पर थे और उन्होंने आँखों देखी बताई। ट्रेन के पहुंचने के बाद प्लेटफार्म पर कोई हलचल नहीं थी जबकि तीन लोग कोच के अंदर थे और उनकी स्थिति गंभीर थी।
लगभग 25 मिनट बाद, पुलिस कर्मियों से घिरे कुछ लोग एक व्यक्ति को उठा कर गेट नंबर 1 की तरफ आए और सीधे बाहर ले गए। उस समय कोई एम्बुलेंस स्पॉट पर नहीं था। एक मेडिकल टीम थी जो वहीं पर घायल व्यक्ति का प्राथमिक उपचार देना शुरू कर दिया। पास में दूसरा घायल बैठा था जो सफ़ेद कपडे से अपना हाथ बांधे रखा था। उसके हाथ से लगातार खून नीचे टपक रहा था।
भरी धुप में दोनों व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही थी जो रेलवे अंदर भी कर सकता था। एक यात्री के साथ एक महिला भी थी। उस समय तक स्पॉट पर कोई बड़ा अधिकारी नहीं पंहुचा था। थोड़ी देर बाद एम्बुलेंस पहुंची।
तब तक वहां एक वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और उपस्थित स्टेशन के अधिकारियों पर व्यवस्था को लेकर काफी नाराजग़ी व्यक्त की। उन्होंने वहीं पर अधिकारियों को लताड़ा और टिप्पणी की कि स्टेशन में कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा वे संबंधित अधिकारियों से बाद में निपटेंगे। उस अधिकारी की बात से स्पष्ट हो गया कि स्टेशन में रेलवे की आपात चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं थी जबकि चलती ट्रेन से ही उन्हें खबर दे दी गई ।
पोल ट्रैन पर गिर गया। ट्रेन चलती रही और टुटा हुआ पोल रगड़ते हुए अन्य बोगियों को को चपेट में लेते गया। कई कोच की खिडक़ी टूट कर अंदर आ गई वही दरवाजे का हैंडल भी टूट गया।खिडक़ी के पास बैठे दो यात्रियों के हाथ पर गंभीर चोट आई। सहयात्रियों का कहने है उनका हाथ कलाई से अलग हो गया था। यात्रियों का कहना है घटना से सूचना रनिंग स्टाफ को तुरंत दे दी गई थी क्यूंकि दोनों दर्द से कराह रहे थे।
रेलवे की अव्यवस्था बोले या लापरवाही, दोनों गंभीर घायलों को पहला इंजेक्शन लगा ट्रेन के पहुंचने के आधे घंटे बाद और वह भी स्टेशन के बाहर जमीन में बैठा कर। रेलवे का स्ट्रेचर को पहुंचने में लगभग 40 मिनट लग गए। पूरा प्राथमिक इलाज़ गेट नंबर 1 के बाहर धूप में जमीन पर चलता रहा।
एक अन्य मासूम को फिर उठा कर लाया गया और बाहर बैठा दिया गए। वह कोच में यात्रा कर रहे थे और कांच का टुकड़ा आंख पर लग गया। 823/16 के पास हुई जब रेलवे का इलेक्ट्रिक पोल ट्रैन पर गिर गया। ट्रेन चलती रही और टुटा हुआ पोल रगड़ते हुए अन्य बोगियों को को चपेट में लेते गया। कई कोच की खिडक़ी टूट कर अंदर आ गई वही दरवाजे का हैंडल भी टूट गया।
खिडक़ी के पास बैठे दो यात्रियों के हाथ पर गंभीर चोट आई। सहयात्रियों का कहने है उनका हाथ कलाई से अलग हो गया था। यात्रियों का कहना है घटना से सूचना रनिंग स्टाफ को तुरंत दे दी गई थी क्यूंकि दोनों दर्द से कराह रहे थे।
रेलवे की अव्यवस्था बोले या लापरवाही, दोनों गंभीर घायलों को पहला इंजेक्शन लगा ट्रेन के पहुंचने के आधे घंटे बाद और वह भी स्टेशन के बाहर जमीन में बैठा कर। रेलवे का स्ट्रेचर को पहुंचने में लगभग 40 मिनट लग गए। पूरा प्राथमिक इलाज़ गेट नंबर 1 के बाहर धूप में जमीन पर चलता रहा।एक अन्य मासूम को फिर उठा कर लाया गया और बाहर बैठा दिया गए।
रेलवे नहीं विद्युत मंडल की वजह से हुई दुर्घटना
रेल प्रशासन ने दोपहर अंग्रेजी में एक बयान जारी कर कहा-इस घटना में रेलवे की कोई चूक नहीं है। और रेलवे की भूमिका भी नहीं है। दरअसल, रेल लाइन से लगकर विद्युत मंडल सुरक्षा नियमों के समझौता कर गैर कानूनी काम कर रहा था। जो खंभा ट्रेन से टकराया वह अवैधानिक कार्य का था। इस संबंध में विद्युत अमले ने अनुमति और सूचना भी नहीं दी थी।
हादसे की वजह यह रीमर
दरअसल, रेलवे लाइन के नीचे ड्रीलिंग किया जा रहा था।ट्रेन के गुरजते समय ड्रीलर का हेड (रीमर) वापस खींचते समय ऊपर निकलने से कोच रगडऩे लगे। जानकारी के अनुसार, उरकुरा स्टेशन के समीप रेलवे की अनुमति से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल का स्टाफ रेलवे लाइन के नीचे ड्रीलिंग का काम कर रहा था. शालीमार एक्सप्रेस के मौके से गुजरने के दौरान ड्रीलिंग मशीन का हेड (रीमर) वापस खींचते समय ऊपर आ गया, और शालीमार एक्सप्रेस के कोच क्च4, क्च5, क्च6 और स्2 से रगड़ खाने लगा. इससे एसी कोच के खिड़कियों में लगे कांच टूट गए, वहीं स्लीपर कोच में स्कैच पड़ गया है। इस हादसे की वजह से शालीमार एक्सप्रेस करीबन एक घंटे रायपुर स्टेशन में खड़ी रही. घटना 9.57 बजे उरकुरा स्टेशन के पास घटित हुई।