रायगढ़

जेएसपीएल के ठेका कामगारों ने मजदूरी भुगतान को लेकर कलेक्टर से की कंपनी की शिकायत
17-Nov-2023 4:19 PM
जेएसपीएल के ठेका कामगारों ने मजदूरी भुगतान को लेकर कलेक्टर से की कंपनी की शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 नवंबर।
जिले की खरसिया व लैलूंगा तथा रायगढ़ विधानसभा से लगी जिंदल कंपनी के दो सौ से अधिक ठेका श्रमिक मजदूरों ने आज जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। 

नाराज श्रमिकों का आरोप था कि जिंदल जैसी बड़ी कंपनी में यूकेआई कंपनी की तरफ से उनसे काम लिया जा रहा है। पहले 12 घंटे उनको लगातार ड्यूटी करनी पड़ती थी, लेकिन उनके विरोध के बाद ठेकेदार ने 8 घंटा काम लेना शुरू किया पर उनका वेतन न तो समय पर मिलता है और न ही उन्हें बाकी एनाउंस का भुगतान दिया जाता है। परेशान श्रमिक आज जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात चुनाव के चलते नहीं हो पाई।

जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए ये ठेका श्रमिक जिंदल उद्योग में काम करने वाली युकेआई कंपनी के हैं जो ढाई सौ से अधिक तादाद में यहां पहुंचे हैं। नारेबाजी करते हुए इन्होंने बड़े अधिकारियों को अपने साथ होने वाले अन्याय से अवगत कराने की कोशिश की पर चुनाव के दूसरे चरण में व्यस्त रहने वाले अधिकारियों से इनकी मुलाकात नहीं पाई। 
नाराज श्रमिकों का कहना था कि वे बीते बीस साल से जिंदल उद्योग में एक ठेका कंपनी के माध्यम से काम करते आ रहे हैं और उन्हें नियमानुसार महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता या अन्य कोई सुविधा का लाभ नही मिल पा रहा है। बल्कि समय पर मिलने वाला वेतन भी ठेकेदार एक साथ नहीं देता। पहले कभी बारह घंटे काम लिया जाता था, लेकिन जब हमने काम बंद किया तो 8 घंटे काम करने के बाद भी उनके वेतन में कटौती जारी है। इसके लिये वे कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई है।

नाराज श्रमिकों के साथ होनें वाले अन्याय के मामले में मजदूर नेता व आरटीआई कार्यकर्ता का कहना था कि रायगढ़ जिले में जिंदल सहित कई बड़े उद्योग मजदूरों को इसी तरह शोषण करते हैं यहां आने वाले श्रमिकों की हालत देखकर साफ लगता है कि इनको काम के बदले मिलने वाला वेतन न केवल काटा जाता है बल्कि उन्हें नियमानुसार मिलने वाले अन्य भत्तों से वंचित किया गया है। इतना ही नहीं इन मजदूरों का ठेकेदार शोषण करता है और प्रशासन इस मामले में ध्यान नहीं देता। इसलिये लगातार ऐसी शिकायतें आम हो गई है।

बहरहाल 17 नवंबर को मतदान के दूसरे चरण में कलेक्टर से लेकर सभी अधिकारी व्यस्त हैं जिसके कारण पीडि़त मजदूर बैरग वापस लौट गए। चूंकि आचार सहिता के कारण पुलिस के साथ-साथ उन्हें ठेकेदार के कोप का भाजन बनने से पहले अपने रोजी रोटी को बचाना महत्वपूर्ण है।
 

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