रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 24 नवंबर। पूरे भारत में तुलसी विवाह के रूप में एकादशी का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। देवउठनी के नाम से प्रसिद्ध यह तुलसी विवाह संपन्न होनें के बाद शादी विवाह के मुर्हत भी शुरू हो जाएंगे। इस दौरान बाजार में गन्ने के साथ-साथ पूजा सामग्री की भी रौनक रही और श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की।
दीपावली के ठीक बाद यह तुलसी विवाह छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि देश के हर कोने में मनाया जाता हैं, जहां महिलाएं सुबह से ही तुलसी के पौधे को सजाकर उसके गमले को मंडप का रूप देती है और शाम को उसकी पूजा करते हुए विवाह संपन्न कराया जाता है।
इस तुलसी पूजा में गन्ने का विशेष महत्व रहता है और पूजा से एक दो दिन पहले दूर-दूर से गन्ने की खेती करने वाले विके्रता शहर के कई इलाकों में इसका बाजार लगाकर बिक्री करते हैं। बाजार में गन्ना बेचने आने वाले व्यापारियों ने बताया कि इस पूजा के अवसर पर उनके गन्ने भारी मात्रा में बिकते हैं जिसका इंतजार उन्हें पूरे साल भर रहता है।
अंबिकापुर से आया किसान बताता है कि वह और उसका साथी बड़ी मात्रा में बाजार में गन्ना बिक्री कर रहे हैं और महिलाएं जमकर इसकी खरीददारी कर रहे हैं वहीं महिलाओं का मानना है कि इस पूजा से घर में खुशहाली आती है और तुलसी की पूजा धूमधाम से करने के लिये बड़ी तैयारी की जाती है। जिसमें वे सुबह से ही तैयारी करते हुए देर शाम इसकी पूजा करती है। वह बताती है कि इस पूजा का खास महत्व है।