रायगढ़

शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति टूर्नामेंट मिलर 11 ने जीता
27-Nov-2023 8:25 PM
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति टूर्नामेंट मिलर 11 ने जीता

फाइनल में तमनार की ब्लैक पैंथर को 7 विकेट से हराया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 27 नवंबर। भारत माता की जय, अमर शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी अमर रहे जैसे नारों से ठेंगापाली स्थित देवलास स्टेडियम गूंज उठा। एक समय लगा यह शहीद के नाम पर आयोजित कोई भव्य सभा हो जहां दस हजार के करीब लोग एकत्रित हुए थे पर आयोजन था शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल का। जहां बिलासपुर की मिलर इलेवन और तमनार की ब्लैक पैंथर टीमों के बीच मुकाबला था। एक आसान से फाइनल को मिलर इलेवन ने 7 विकेट से जीत लिया।

फाइनल मैच में मुख्य अतिथि शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की माता श्रीमती आशा त्रिपाठी, पिता सुभाष त्रिपाठी रहे, विशिष्ठ अतिथियों में कर्नल विप्लव त्रिपाठी के परिजनों के अलावे भाजपा नेता रत्थू गुप्ता, एनटीपीसी के प्रतिनिधि, स्थानीय प्रतिनिधि व पूर्व सैनिक कल्याण संघ के लोग शामिल रहे। टॉस जीतने के बाद मिलर इलेवन ने पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला लिया। ब्लैक पैंथर की शुरूआत धीमी रही जिसके कारण उसने निर्धारित 14 ओव्हर में 5 विकेट खोकर 102 रन का लक्ष्य रखा। रवि ने 22 गेंदों में 24 रन बनाये जिसमें 3 चौका व एक छक्का शामिल था। ब्लैक पैंथर टीम पर लगाम लगाया मिलर इलेवन के गेंदबाज जीसान अहमद ने उन्होंने अपने 3 ओव्हर में सिर्फ 6 रन दिए। वहीं हैदर की घातक गेंदबाजी ने एक बड़े रन स्कोर को रोक दिया। उन्होंने 3 ओव्हर में 2 विकेट झटके जिसके लिये उन्होंने 17 रन खर्च किये।

लक्ष्य उतना आसान नहीं था पर फाइनल के दबाव में ब्लैक पैंथर की टीम आ गई और खराब फिल्डिंग के कारण रन तो गंवाए ही साथ ही साथ आसान से कैच भी छोड़े जिसकी बदौलत मिलर इलेवन ने सिर्फ 9.2 ओव्हर में लक्ष्य की प्राप्ति कर ली। टीम की ओर से हैदर ने हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए 26 गेंदों में 43 रन ठोंक डाले जिसमें 5 छक्के और 2 चौके शामिल थे। मैन ऑफ सीरीज परिवेश धर ने 17गेंदों में 41 रन बनाए। उन्होंने भी 5 छक्के और 2 चौके जड़े जिसमें से एक विजयी छक्का भी शामिल था। ब्लैक पैंथर की ओर से सिर्फ मयंक ने ही अच्छी गेंदबाजी करते हुए 3 ओव्हर में 19 रन देकर एक विकेट हासिल किया। परिवेश को बॉलर ऑफ द टूर्नामेंट और बैटर ऑफ द टूर्नामेंट का भी खिताब गया। वहीं फाइनल मैच के हीरो हैदर अली रहे जिन्होंने 43 रन बनाए और 2 महत्वपूर्ण विकेट झटके। मिलर इलेवन के अनमोल सिदार बेस्ट फिल्डर रहे।

विदित हो कि शारदा सेवा समिति द्वारा बीते 2 साल से शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की स्मृति में यह टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है। जिसमें आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व सैनिक संजय पंडा, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र मिश्रा, सचिव सह कोषाध्यक्ष पंचानन निषाद समेत प्रभात मिश्रा, संजय पंडा, दीपक मिश्रा, जितेन्द्र बानी, उपेन्द्र बानी, नित्यानंद निषाद आदि शामिल रहे। स्कोरर कुश कर्ष ने पूरे टूर्नामेंट अपनी सहभागिता निभाई।

वहीं ऑनलाईन स्कोरर अरूण मिरधा ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वरिष्ठ शिक्षक गोकुल पंडा ने इस पूरे टूर्नामेंट में एक संरक्षक की भूमिका निभाई जिसके कारण यह टूर्नामेंट सफलता पूर्वक पूर्ण हुआ।

पूरे गांव का है टूर्नामेंट

ठेंगापाली गांव के सरपंच राकेश साहू ने बताया कि शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति में आयोजित होने वाले इस क्रिकेट टूर्नामेंट को आयोजित करने के लिये पूरे गांव वाले उत्साहित रहते हैं। फाइनल के ही दिन तीन अलग-अलग जगहों पर एक हजार से अधिक लोगों के लिये खाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावे जब से यह टूर्नामेंट शुरू हुआ है तब से बाहर से आने वाली टीमों के खाने के प्रबंध से लेकर उन्हें रूकवाने तक की पूरी जिम्मेदारी गांववालों की ही है। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी, शहीद अनुजा त्रिपाठी और बाल शहीद अबीर त्रिपाठी हमारे गांव के न होकर भी हमारे अपने हैं। गांव का बच्चा-बच्चा उनकी शहादत की गाथा बड़े गर्व से सुनाता है। अब ऐसा लगता है कि ठेंगापाली शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का ही गांव है। हम धन्य हुए कि आज उनका पूरा परिवार हमारे निमंत्रण पर हमारे गांव आया था और हम सभी ने उनका आशीष लिया।

मेरा बेटा भी यह मैच देख रहा होगा- आशा त्रिपाठी

अपने संबोधन में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की माता आशा त्रिपाठी ने कहा कि खेल में कोई हारता नहीं है। खेल में विजेता और उपविजेता होता है। सभी खिलाडिय़ों ने अच्छा खेला। इससे पहले मैं ठेंगापाली गांव को नहीं जानती थी लेकिन अब ऐसा लगता है कि यहां का हर बच्चा मेरा बेटा है। मुझे अपने बेटे की अक्स यहां दिखती है। श्रीमती त्रिपाठी इतना बोली ही थी कि वह भावुक हो गई उनकी बातें सुनकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा कि मेरे बेटे को गांव ने इतना प्रेम दिया और उसके जयकारे के बीच एक समय मुझे ऐसा लगा कि मेरा बेटा विप्लव यहीं आसपास इस आयोजन को देख रहा है। मेरे बेटे के साथ मेरी बहू अनुजा त्रिपाठी और मेरा नाती अबीर त्रिपाठी भी शहीद हुआ था। सभी मेरे पुत्र के साथ इनका भी स्मरण करें।

विप्लव, अनुजा व अबीर के नाम से गूंजा देवलास मैदान

देवलास मैदान में रविवार दोपहर से ही शहीद विप्लव त्रिपाठी, अनुजा त्रिपाठी और अबीर त्रिपाठी के नाम के जयकारे और उनके अमर रहने को भीड़ लगातार चिल्ला रही थी जब शहीद के परिजन पहुंचे तब तो मैदान का नजारा देखते ही बन रहा था। हर कोई शहीद के माता-पिता से आशीष लेने पहुंच रहा था। मैच शुरू होने से पहले जब मैदान में राष्ट्रीय गीत के बाद शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के जयकारे लगे तो वहां अधिकांश लोगों की आंखें नम हो गई थी।

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