रायपुर

25 हजार डाक मतों पर संशय की स्थिति, इसलिए पूरे प्रदेश में गिनती आरओ के टेबल में
30-Nov-2023 3:49 PM
25 हजार डाक मतों पर संशय की स्थिति, इसलिए पूरे प्रदेश में गिनती आरओ के टेबल में

गिनती के लिए दिया प्रशिक्षण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवंबर। 
इस बार की मतगणना में डाक मतपत्रों पर लोगों की विशेष नजर रहेगी। विपक्ष के आरोपों के मुताबिक 25 हजार डाक मतों की स्थिति संशय पूर्ण हैं। इसलिए मत गणना ट्रेनिंग में भी इसे लेकर गंभीरता बरती गई है। मास्टर ट्रेनर्स ने गणकों को बताया कि डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले होगी। डाक मतपत्रों की गणना रिटर्निंग ऑफिसर करेंगे , जिनके सहयोग के लिऐ विशेष सहायक रिटर्निंग आफिसर होंगे,इसके लिए अलग टेबल होगा। डाक मतपत्रों की वैधता के बारे में उनका निर्णय ही मान्य होगा। इस कार्य के लिए नियुक्त गणना पर्यवेक्षक और सहायक उनकी सहायता करेंगे। डाक मतपत्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षकों ने यह कहते हुए डाक मतपत्रों की गिनती की संबंध में तकनीकी जानकारी साझा की। 

प्रशिक्षकों ने बताया कि डाक मतपत्र के दो वर्गों में हैं ईटीपीबीएस अर्थात इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट और साधारण डाक मतपत्र। इन दोनों में एक ही प्रत्यक्ष अंतर होगा, ईटीपीबीएस पर अभ्यर्थी के चुनाव चिह्न अंकित नहीं होंगे पर दलीय सम्बद्धता (या निर्दलीय) का उल्लेख होगा। अन्य डाक मतपत्र पर चुनाव चिह्न होगा पर दलीय सम्बद्धता नहीं लिखी होगी। उन्होंने बताया कि पूर्व-गणना परीक्षण के बाद ईटीपीबीएस को भी सामान्य डाक मतपत्र की ही तरह हैण्डल करना है। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती ही प्रारंभ होगी। सामान्यत: एक निर्वाचन क्षेत्र में डाक मतों की गणना के लिए प्रत्येक 500 प्राप्त मतों के लिए एक टेबल आबंटित होगा। 

प्रशिक्षण में जानकारी दी गई कि दोनों ही प्रकारों के डाकमतों के लिए तीन अनिवार्य अभिलेख होंगे, जिसमें पहला बाहरी लिफाफा बी (13सी) मतदाता की घोषणा (13ए); और 3) तथा मतपत्र का लिफाफ़ा ए (13बी) शामिल है। ईटीपीबीएस के लिए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गणना-पूर्व व्यवस्था की जायेगी। इसमें (एक एआरओ की देख-रेख में अधिकतम 10) मेजों पर लिफाफ़ों की स्केनिंग की व्यवस्था की जायेगी। ऐसे प्रत्येक मेज पर एक दल में क्यूआर कोड स्केनर के साथ एक सुपरवाईजऱ और एक सहायक होंगे। सॉफ्टवेयर की मदद से प्रत्येक ईटीपीबीएस  के बाहरी लिफाफ़े 13-सी के क्यूआर कोड को स्केन कर पोर्टल में अपलोड किया जायेगा।

प्रशिक्षण में बताया गया कि ईटीपीबीएस के लिए लिफाफों एवं मतपत्र के लिए कलर कोड लागू नहीं होता। मत के ख़ारिज होने के अन्य कारण ईटीपीबीएस पर भी यथावत लागू होंगे। डाक मतपत्र पर मतांकन के लिए कोई विशेष चिन्ह नहीं है। मतदाता द्वारा किसी भी चिन्ह का उपयोग अपनी मतांकन के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में निर्देश केवल यह हैं कि निर्वाचक का चयन स्पष्ट परिलक्षित होता हो। किसी तकनीकी कारण से (घोषणा पत्र में त्रुटि, 13-सी में घोषणा पत्र न मिलने, निर्धारित रंग का लिफाफ़ा न होने आदि)गणना में शामिल न किए गये सभी डाक मतवाले लिफाफ़े गणना स्थल से हटा लिये जायेंगे और उन्हें एक अलग पैकेट में सुसंगत टीप के साथ सीलबंद किया जायेगा। शेष लिफाफ़ों के अन्यथा वैध पाये जाने पर सभी 13-सी वाले लिफाफ़े अपने 13-ए के साथ संलग्न करते हुए (गोपनीयता को दृष्टिगत रखते हुए) गणना स्थल से हटा दिए जायेंगे। इन्हें भी एक अलग पैकेट में सुसंगत टीप के साथ सीलबंद किया जायेगा। इसके बाद ही सभी 13-बी (भीतरी, छोटा लिफाफ़ा) खोला जायेगा और मतपत्र बाहर निकाला जायेगा।

डाक मतपत्र (चाहे ईटीपीबी हो या सामान्य) उस स्थिति में अविधिमान्य होंगे जब मतपत्र ( ईटीपीबी को छोडक़र) पर आरओ के हस्ताक्षर की मुहर न लगी हो। एक से अधिक अभ्यर्थियों के नाम के समक्ष कोई निशान लगा हो। यदि एक से अधिक अभ्यर्थियों के नाम के समक्ष अलग-अलग निशान हो तब भी उसे अविधिमान्य किया जाएगा। किसी एक अभ्यर्थी के नाम के समक्ष लगा निशान दूसरे अभ्यर्थी के खाने तक इस प्रकार चला गया हो कि उसके चयन का निर्धारण कर सकना संभव न हो, या किसी भी अभ्यर्थी के नाम के समक्ष कोई निशान न लगा हो। मतपत्र पर किसी निशान से मतदाता की पहचान प्रकट होती हो। प्रशिक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ  अबिनाश मिश्रा, रोजगार अधिकारी  केदार पटेल, एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
 

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