गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 22 दिसंबर। दिगंबर जैन मंदिर में श्री जी की स्थापना के 98 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस अवसर पर मंदिर में शांतिनाथ भगवान के पंचकल्याणक कराकर समाज के सदस्यों द्वारा श्रीजी को वैदिका पर विराजमान कराया गया था। दो वर्ष बाद मंदिर जी के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे।
समाज के लोगों ने बताया कि 98 वर्षों से मंदिर यथावत यथास्थान स्थित है किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। मंदिर की में शिखर के सामने भारत माता की मूर्ति तिरंगा लिए हुए विराजमान है जो कि उस समय के श्रावक की देशभक्ति को दर्शाती है। अंग्रेजों के शासनकाल में निर्मित किसी भी जैन मंदिर में भारत माता की मूर्ति शायद ही कहीं होगी।
नवापारा राजिम में दिगंबर जैन समाज की धरोहर यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। मंदिर जी का स्थापना दिवस समाज द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया गया। प्रात मंदिर की में शांतिनाथ भगवान की पूजन अभिषेक किया गया श्री जी की प्रथम शांति धारा करने का सौभाग्य अध्यक्ष किशोर सिंघई परिवार को प्राप्त हुआ। द्वितीय शांति धारा रजत कलश से राजेंद्र जैन एवं तृतीय शांति धारा रूपचंद आकाश विकास जैन परिवार को मिला। अभिषेक के पश्चात श्रीजी की पूजन की गई। त्रिशला महिला मंडल द्वारा रात्रि में आरती भक्ति का कार्यक्रम रखा गया। त्रिशला महिला मंडल की अध्यक्ष कामिनी चौधरी, अनीता सिंघई, प्रेमा गंगवाल, समता सिंघई, बबीता चौधरी ने मंदिर की में ओमकार का पाठ रखा। जिसके पुण्याजक आशा अंबर नीलू सिंघई रहे।