गरियाबंद
नवापारा-राजिम, 25 दिसंबर। श्रीमद् भागवत हम लोगों की मृत्यु को मंगलमय बनाती है, अभय करती है, देवता भले ही अजर अमर हैं, पर भयभीत रहते हैं और इसीलिए शुकदेव जी के पास आए हैं, कि आप हमें कथा सुधा का पान कराइए, बदले में हम आपको अमृत दे देते हैं।
शुकदेव ने उन्हें मना कर दिया है, तुम सौदा करने आए हो, पात्र नहीं हो और परीक्षित को कथामृत का पान कराया है, इसके सुनने मात्र से व्यक्ति मुक्त हो जाता है,उसे अभय मिल जाता है। श्री कृष्ण की लीला कथाओं को सुनते सुनते परिक्षित इतने मगन हो गए हैं कि उन्हें न तो अपनी सुध रही और न भूख प्यास लगी, कथा अमृत पीकर ही वे धन्य हो रहे हैं। श्रीमद भागवत की कथा को सुनने लोगों की दिनोदिन भीड़ उमड़ती जा रही है। कथा व्यास जब अपनी मधुर और ओजस्वी वाणी में कथा का गायन करते हैं, तो उनके श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं, प्रतिदिन भीड़ बढ़ रही है। शांति चौक बगदेही पारा में पंचूराम साहू परिवार के द्वारा अपनी स्वर्गीय माताजी की स्मृति में यह धार्मिक आयोजन हो रहा है, जिसमें नगर के लोग भी शामिल हो रहे हैं।