रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 फरवरी। कांग्रेस विधायक ने अपनी ही पिछली सरकार के दौरान धान के बदले चावल जमा करने वाले राइस मिलर्स और अधिकारियों की मिली भगत का मुद्दा उठाया । इस पर ऐसे राइस मिलर्स पर बीते तीन वर्षों में कार्रवाई न करने को लेकर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने आज विधानसभा में मिलों में स्टाक का भौतिक सत्यापन कराने की घोषणा की ।
प्रश्न काल में कांग्रेस की चातुरी नंद ने महासमुन्द जिले में इस अनियमितता का मुद्दा उठाया । उन्होंने बताया कि चेक पोस्ट से लेकर एफसीआई गोडाउन तक मिलर्स ,अफसर बड़ा खेल करते हैं। नंद ने वर्ष 20-21 से 23-24 जनवरी तक चावल जमा न करने वाले मिलर्स पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा। मंत्री बघेल ने बताया कि 2020-21 में जिले के 36 मिलर्स से 7.44 टन, 21-22 में 63 मिलर्स ने 1.40 टन और 22-23 में 34 मिलर्स ने 1.12 टन चावल जमा नहीं किया था। बहुत थोड़ा होने से मिलर्स को देय मिलिंग शुल्क के बिल से काट लिया गया था। नंद ने पूछा कि क्या मिलर्स पर आवअ (ईसीए) के तहत कार्रवाई की गई थी। मंत्री ने कहा कि सभी पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है। इस पर चातुरी नंद ने बागबाहरा के दो मिलर्स से 16 हजार 442 कट्टा चावल न मिलने की जानकारी देते हुई इन पर कार्रवाई न होने का खुलासा किया। मंत्री बघेल ने उनसे कहा कि इन मिलर्स की शिकायतें हैं तो दे दें जांच कराएंगे।
नंद ने कहा कि महासमुंद जिले में ऐसे 28 प्रकरणों में 1007 टन चावल जब्त किया गया। क्या एफसीआई ने किसी मिलर्स का चावल रिजेक्ट किया है? उन्होने कहा कि नाके से लेकर एफसीआई तक खेल चल रहा है। मिलर्स से एफसीआई अधिकारी एक लॉट के क्लीयरेंस के लिए 69000 रूपए वसूल रहे हैं । क्या सभी मिलरों के स्टाक का भौतिक सत्यापन कराएंगे? मंत्री बघेल ने कहा कि शिकायतें हैं तो दे दें, भौतिक सत्यापन कर चावल जमा न करने वाले मिलर्स पर कार्रवाई करेंगे।