सरगुजा

बालक छात्रावास में छात्र खुदकुशी, अधीक्षक निलंबित
29-Feb-2024 10:59 PM
बालक छात्रावास में छात्र खुदकुशी, अधीक्षक निलंबित

मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, तीन दिन के भीतर देंगे रिपोर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 29 फरवरी। सरगुजा जिले के विकासखंड अंबिकापुर में प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा में छात्र की आत्महत्या के मामले पर कलेक्टर विलास भोस्कर एवं पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने तत्काल संज्ञान लिया और गुरुवार को स्वयं जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा था।

कलेक्टर ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता बरतते हुए त्वरित कार्रवाई हेतु तीन डॉक्टरों की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। टीम को सभी पॉइंट की विस्तृत जांच कर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

 कलेक्टर ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक की घोर लापरवाही के मद्देनजर अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इसके साथ ही मामले की जांच में कोई बिंदु न छूटे, इसके लिए एसडीएम अंबिकापुर को मजिस्ट्रियल जांच हेतु अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर को तीन दिन में विधिवत जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा। कलेक्टर ने कहा कि बच्चे बेहद संवेदनशील होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पालकों से भी अपील है कि बच्चों की मन:स्थिति को समझें। साथ ही स्कूल, छात्रावास प्रबंधन को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचना दें।

एसपी श्री अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा शिक्षक एवं स्कूल, छात्रावास प्रबंधन से बात की जाएगी। बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने का प्रयास किया जाएगा। बच्चों के साथ संवेदशीलता के साथ व्यवहार करना चाहिए। बच्चों की मनोस्थिति को समझने स्कूलों में मेंटल हेल्थ केयर के स्पेशलिस्ट की मदद ली जाएगी।

कलेक्टर सरगुजा द्वारा प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा के छात्रावास अधीक्षक भूपेश सिंह कश्यप, छात्रावास अधीक्षक श्रेणी ‘स’ को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरते जाने स्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उक्त अधीक्षक का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम एक एवं दो के विपरीत होने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 (एक) (क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग अंबिकापुर निर्धारित किया गया है।

एसडीएम अबिकापुर को मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सरगुजा द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जांच हेतु एसडीएम अंबिकापुर फागेश सिन्हा को विस्तृत जांच करने अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर मृत्यु के दृश्यमान कारणों की विधिवत जांचकर तीन दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।

विभागीय जांच के लिए टीम गठित

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि उक्त घटना की जांच हेतु दो सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसमें सहायक संचालक अंकिता मरकाम और सहायक संचालक महेंद्र पाल खांडेकर शामिल हैं, जो घटना की सूक्ष्म जांचकर जांच प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

पथरी बीमारी से

जूझ रहा था

प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा में कक्षा आठवीं के छात्र मुकेश तिर्की पिता रामजी तिर्की (13 वर्ष) निवासी बिशुनपुर सीतापुर के द्वारा कमरे के भीतर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने का मामला बुधवार को सामने आया था।

पुलिस और परिजनों के मुताबिक छात्र पिछले दो वर्षों से पथरी की बीमारी से जूझ रहा था। तकलीफ बढऩे पर वह तीन दिन से स्कूल नहीं गया। हॉस्टल में ही था। बुधवार को स्कूल से वापस लौटे अन्य छात्रों ने कमरे का दरवाजा बंद देख शोर मचाया तो भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिससे अनहोनी की आशंका पर रोशनदान से झांक कर देखने पर वह फांसी पर झूलता मिला।

अनुमान लगाया जा रहा है कि पथरी बीमारी से तंग आकर छात्र ने फांसी लगाई होगी। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक मुकेश तिर्की पिछले दो वर्षों से हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था।

परिजन जड़ी-बूटी से

करा रहे थे इलाज

बताया जा रहा है कि छात्र मुकेश दो साल से पथरी की बीमारी से जूझ रहा था। परिजन जागरूकता अभाव में पुत्र का चिकित्सालय में भली भांति उपचार कराने के बजाए गांवों में ही जंगली जड़ी-बूटियों के माध्यम से उपचार कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि छात्र को तकलीफ होने के बावजूद छात्रावास कर्मियों के द्वारा छात्र के इलाज के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया, न तो चिकित्सालय लेकर गए और न ही चिकित्सक का परामर्श ले उपचार ही शुरू कराया गया। यह बात सामने आई है कि अत्यधिक दर्द होने पर अधीक्षक के द्वारा मेडिकल स्टोर से दर्द की दवा ले जाकर दिया गया था, परंतु छात्र को कोई राहत नहीं मिली, जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया।

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news