सूरजपुर

प्रधानपाठक ने बच्चों को खिलाया न्योता भोज
04-Mar-2024 9:08 PM
प्रधानपाठक ने बच्चों को खिलाया न्योता भोज

प्रतापपुर, 4 मार्च। विकासखंड प्रतापपुर के प्राथमिक शाला करसी कोड़ाकू पारा की प्रधान पाठक ललिता सिंह के द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं पालकों की उपस्थिति में न्योता भोजन कराया गया।

इस अवसर पर सरपंच कृष्णा पैकरा ने कहा कि न्योता भोजन से बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलता है जो सेहत के लिए काफी लाभप्रद है। यह कार्यक्रम सराहनी और प्रेरणादायक है, सभी को तीज- त्योहारों में न्यौता भोजन कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।

संकुल प्राचार्य राजू राम ने कहा कि न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर ‘सबका प्रयास’ अवधारणा को साकार कर सकते हैं, साथ ही उन्होंने अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेने की अपील की।

जन शिक्षक अनिल कुमार सिंह ने कहा स्कूल के विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने व किसी भी विषय को समझ कर पढ़ाई करने को कहा ताकि अपने आप को आत्मनिर्भर बना सके।

शासन द्वारा स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने के लिए न्योता भोजन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।जिसमें आमजनों और संगठनों द्वारा विशेष मौके जैसे राष्ट्रीय पर्व, त्योहार, जन्मदिन अथवा विवाह वर्षगांठ के मौके पर स्कूली बच्चों को भोजन करा सकते है। 

‘न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते हैं- पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं हेतु), आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष हेतु), अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री। ‘न्योता भोजन’ में बच्चे एक साथ बैठ सकते है और सही मायने में भोजन, अतिरिक्त खाद्य पदार्थों का आनंद उठा सकते हंै। स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने की यह एक अभिनव पहल है।

क्या है न्योता भोजन
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले खाने को सामुदायिक भागीदारी के जरिए और ज्यादा पोषक बनाने की पहल है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है। कोई भी व्यक्ति, समुदाय के लोग अथवा सामाजिक संगठन किसी भी खास अवसर पर या स्वेच्छा से सरकारी स्कूलों में भोज का आयोजन कर सकता है। इसके अलावा खाद्य सामग्री की योगदान भी कर सकता है। न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले मिड डे मील का विकल्प नहीं होगा बल्कि यह इसके अतिरिक्त होगा।

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