जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 21 मार्च। डाइट जशपुर एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस माह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डाइट के प्राचार्य एम. जेड. यू. सिद्दीकी, उप प्रचार्य संगीता भोय, डाइट के स्टॉफ उषा किरण तिर्की, एस डाहिरे, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के डॉ. मुकेश, एवं स्वेता उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्राचार्य सिद्दीकी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस माह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों और किस आधार पर मनाया जाता है। वीरांगना रानी दुर्गावती, महारानी लक्ष्मी बाई, श्रीलंका की राष्ट्रपति भंडारके, इंदिरा गाँधी, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, जैसे अनेक महिलाओं के बारे में बताकर समाज में महिलाओं का उपलब्धि पर प्रकाश डाला।
एक महिला सफल होती है तो दो परिवारों को सफल बनाती है। शुरुआत घर से होती है परिवार में माँ और बहन को देख कर उनका महत्व समझ सकते है, उनका त्याग और समर्पण आपको नई दिशा दे सकता है। नारी को महत्व देने की परम्परा या आदत की शुरुआत अपने घर से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक क्षेत्र मे आगे बढ़ रही है और नई दिशा दे रही है।
उप प्राचार्य संगीता भोय ने महिला दिवस के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज समाज में उन महिलाओं पर बात होगी जिन्होंने समाज में विशेष योगदान दिया है। महिला जननी है और उनका स्थान देवी का स्थान है। इसलिए इनका सम्मान आवश्यक है। माँ का महत्व सभी जानते है, इसलिए उनका सम्मान कितना हो यह आप सभी पर निर्भर है। स्त्री समर्पित करने वाली होती है। नारी नदी के सामान होती है संघर्ष करते हुए समाज को नई दिशा देती है उन्होंने कविता के माध्यम से महिला के महत्व को समझाया।
डॉ. मुकेश ने कहा कि जीवन के विकास में व्यवहार का अनुसरण कर कैसे उसे अमलीजामा पहुंचे इस दिशा में आगे बढऩा है। उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी की पीढिय़ों के लिए आवश्यक है कि सोंच में हम कितना परिवर्तन ला सकते है, कितने विवेक सम्मत रूप से आप सोंच को रखते है, यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस अवसर पर महिलाओं के अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया। उषा किरण तिर्की ने समाज मे महिलाओं की भूमिका एवं महत्व पर प्रकाश डाला।